• 'वोट के लिए साम्प्रदायिकता फैला रही भाजपा'

    जयपुर ! भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी ने कहा है कि देश में भारतीय जनता पार्टी साम्प्रदायिक फैला कर वोट बैंक की गन्दी राजनीति कर रही है। येचुरी आज यहां कामरेड हरिकिशन सुरजीत जन्मशताब्दी व्याख्यान में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में वोटों के लिए साम्प्रदायिकता का जहर घोल रही है ...

    जयपुर !   भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी ने कहा है कि देश में भारतीय जनता पार्टी साम्प्रदायिक फैला कर वोट बैंक की गन्दी राजनीति कर रही है। येचुरी आज यहां कामरेड हरिकिशन सुरजीत जन्मशताब्दी व्याख्यान में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में वोटों के लिए साम्प्रदायिकता का जहर घोल रही है जो देश की एकता के लिए खतरा पैदा हो रहा है। उन्होंने बताया कि सुरजीत कहते थे आपने साम्प्रदायिकता का दंश कभी झेला नहीं है और देश में साम्प्रदायिकता का माहौल बिगडने के बाद उसे सुधारने में पीढिय़ां गुजर जाती है।  इसलिए देश में हर हाल में साम्प्रदायिक सौहार्द्र बना रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे जनभावनाओं की कदर करते हुए बी पी सिंह के साथ मिलकर गैर कांग्रेसी सरकार बनाई तथा कभी साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ कांग्रेस के साथ रह कर लोकतांत्रिक सरकार बनवाई। उन्होंने कहा कि  सुरजीत के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें मिलकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करना होगा तथा जनआंदोलन की ताकत बढ़ाकर सरकार पर दबाव डालकर जनहित की नीतियां लागू करनी होगी।  उन्होंने कहा कि देश अग्रेजो से राजनीतिक रूप से तो आजाद हो गया है लेकिन हमें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से आजादी अभी भी नहीं मिली है।  उन्होंने कहा कि गलत नीतियों के चलते देश में नए उद्योग लग नहीं रहे हैं तथा पुराने उद्योग बन्द हो रहे है। इसमें बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। इसके अलावा अमीर एवं गरीब के बीच फासला बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि महंगाई बढऩे के कारण देश के गरीब मजदूर एवं किसान को जीवनयापन करने में मुश्किले आ रही है। येचुरी ने कहा कि मंहगाई के कारण खेती की लागत बढ गई है तथा जिन्सों का समर्थन मूल्य उस हिसाब से नहीं बढऩे के कारण किसानों के लिए खेती करना घाटे का कारण हो गया है। इसी कारण किसान खेती बाड़ी छोड़कर शहरों की तरफ भाग रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कृषि लगातार कम हो रही है। इसका कारण भूमि अधिग्रहण नहीं होकर किसानों द्वारा खेती कार्य से उन्मुख होना है। किसान कर्ज लेकर खेती करता है और मौसम आधारित खेती में नुकसान से वह कर्ज में डूब जाता है और आत्महत्याएं कर रहा है।


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