• गंगरेल से किसानों को मिलेगा पानी!

    रायपुर ! चौतरफा दबाव और कांग्रेस के आंदोलन को देखते हुए अंतत: सरकार ने गंगरेल बांध से पानी छोडऩे का निर्णय लिया है। बांध से कितनी मात्रा में पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जाएगा, इसका फैसला कल मंगलवार को होने वाली केबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू के नेतृत्व में उनसे मिलने एक प्रतिनिधि मंडल को यह जानकारी दी।...

        सिंचाई के लिए कितना पानी छोड़ा जाएगा कैबिनेट आज लेगी फैसला     मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल को दिया आश्वासन रायपुर !   चौतरफा दबाव और कांग्रेस के आंदोलन को देखते हुए अंतत: सरकार ने गंगरेल बांध से पानी छोडऩे का निर्णय लिया है। बांध से कितनी मात्रा में पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जाएगा, इसका फैसला कल मंगलवार को होने वाली केबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू के नेतृत्व में उनसे मिलने एक प्रतिनिधि मंडल को यह जानकारी दी। प्रदेश में अल्पवर्षा को देखते हुए अविभाजित रायपुर जिले के किसान गंगरेल बांध से पानी छोडऩे की मांग कर रहे हैं। सरकार ने 50 फीसदी तक बांध में पानी भरने पर सिंचाई के लिए पानी देने का निर्णय लिया था। इसका चौतरफा विरोध हो रहा था। अभनपुर व आरंग क्षेत्र की फसल पानी के अभाव में 50 फीसदी तक खराब हो गई है। वर्षा नहीं होने पर अभनपुर, धमतरी, आरंग, तिल्दा, बलौदाबाजार, पलारी के किसान गंगरेल बांध पर निर्भर रहते हैं। कांग्रेस यहां से पानी छोडऩे की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है। 16 सितंबर  से लखौली में किसानों के संगठन ने आंदोलन करने की घोषणा की है। लखौली वही स्थान है, जहां कांग्रेस शासनकाल में किसानों ने पानी की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया था। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी से एक किसान की मौत हो गई थी। गंगरेल बांध से पानी नहीं छोडऩे पर सरकार के खिलाफ माहौल बनता जा रहा था। चौतरफा दबावों के चलते बांध से पानी छोडऩे का निर्णय अंतत: मुख्यमंत्री को करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के चार विधायकों धनेन्द्र साहू, गुरुमुख सिंह होरा व अन्य ने गंगरेल से पानी नहीं छोडऩे पर आमरण अनशन की चेतावनी दी थी। बांध से इस समय 17 टीएससी पानी है। निस्तारी, पेयजल और बीएसपी के लिए करीब 7-8 टीएमसी पानी सुरक्षित रखा जाएगा। इसके बाद शेष पानी किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो केबिनेट की बैठक में पानी देने का निर्णय लिया जाना था। इस मुद़दे पर कांग्रेस को श्रेय नहीं मिले, इसके लिए पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की रणनीति बनाई गई। सोमवार को प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला। इस दौरान डॉ. रमन सिंह ने गंगरेल से पानी छोडऩे की घोषणा की। गोकुल साहू के परिवार को दो लाख की आर्थिक सहायता आरंग के समीपस्थ गांव रींवा निवासी कृषक गोकुल साहू द्वारा कर्ज व फसल खराब होने से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले के परिजनों को सरकार 2 लाख रुपए आर्थिक सहायता देगी। मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल ने इस मामले में उनसे उदारता पूर्वक निर्णय लेने का आग्रह किया था। इसके बाद डॉ. रमन सिंह से किसान के परिवार को 2 लाख बतौर सहायता देने घोषणा की है। प्रतिनिधि मंडल में चंद्रशेखर साहू, द्वारिका साहू, पीयूष कोसरे व पप्पू कोसरे, केके साहू व अन्य शामिल थे। 


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