• किसानों को अनदेखी कर प्रशासन लगा रहा खेतों में टावर

    कोण्डागांव ! जिला मुख्यालय कोण्डागांव नगर से रारा 30 पर महज 3 किमी दूर बसे ग्राम चिखलपुटी के जागरूक एवं शिक्षित किसान शैलेश शुक्ला द्वारा अपने खेत में 400 के.व्ही. विद्युत लाइन निर्माण हेतु टावर न लगाए जाने हेतु पुलिस कोतवाली कोण्डागांव के प्रभारी, तहसीलदार कोण्डागांव, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोण्डागांव, कलेक्टर कोण्डागांव, पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव, कलेक्टर जनदर्शन सहित कृषि मंत्री छग राज्य तक को लिखित में आवेदन पत्र देकर निवेदन किया गया था, ...

    खेतों में 400 केव्ही विद्युत लाइन का विरोध कोण्डागांव !   जिला मुख्यालय कोण्डागांव नगर से रारा 30 पर महज 3 किमी दूर बसे ग्राम चिखलपुटी के जागरूक एवं शिक्षित किसान शैलेश शुक्ला द्वारा अपने खेत में 400 के.व्ही. विद्युत लाइन निर्माण हेतु टावर न लगाए जाने हेतु पुलिस कोतवाली कोण्डागांव के प्रभारी, तहसीलदार कोण्डागांव, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोण्डागांव, कलेक्टर कोण्डागांव, पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव, कलेक्टर जनदर्शन सहित कृषि मंत्री छग राज्य तक को लिखित में आवेदन पत्र देकर निवेदन किया गया था, जिस पर उक्त सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों के द्वारा न तो किसी भी तरह की कोई कार्यवाही ही की गई और न तो लिखित में कोई जवाब ही दिया गया।  शैलेश शुक्ला द्वारा दिए गए आवेदन पर कार्यवाही के नाम पर 9 सितम्बर को ऐसा कुछ हुआ, कि जिससे संवैधानिक नियम कायदों को मानने एवं अपने मौलिक अधिकारों से परिचित उक्त किसान को यह सोचने पर मजबूर होना पडा कि क्या वाकई में संविधान द्वारा दिए गए, मौलिक अधिकारों का कोई औचित्य रह गया है। उपरोक्त जानकारी प्रेस को देते हुए, शैलेश शुक्ला ने बताया कि 2015 के मई माह में कुछ लोगों के द्वारा उसके खेत में निशान लगाया जा रहा था, पूछने पर ज्ञात हुआ कि उक्त स्थान पर विद्युत लाइन ले जाए जाने हेतु टावर लगाया जाएगा, उक्त संबंध में शासन-प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश के दस्तावेज मांगे जाने पर उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि यह शासकीय कार्य है, जिसे आप कलेक्टर से लेकर मंत्री के पास जाकर भी नहीं रूकवा सकते, जिस पर बिना लडाई-झगडा किए संवैधानिक नियम कायदों पर भरोसा रखते हुए, 5 मई को उक्त मामले की लिखित शिकायत पुलिस कोतवाली में करायी गई, जिस पर कार्यवाही होने के पूर्व ही टावर लगाने वालों के द्वारा निशान लगाए गए स्थान पर गड्ढा कर दिया गया। इसके बाद लिखित में शिकायत किए जाने के क्रम में बढोत्तरी करते हुए उक्त सभी शासकीय अधिकारियों एवं कृषि मंत्री छग शासन तक लिखित में आवेदन पत्र देकर विद्युत टावर लगाए जाने पर रोक लगाने की मांग की गई, लेकिन शासन-प्रशासन में बैठे मंत्री से लेकर अधिकारियों के द्वारा किसान की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही उसके खेत में टावर लगाए जाने के संबंध में लिखित में कोई सूचना/आदेश ही दिया गया, बल्कि जिन प्रशासनिक अधिकारियों को टावर लगाए जाने पर रोक लगाने हेतु लिखित में निवेदन करते हुए आवेदन दिया गया था, उन्हीं अधिकारियों में से तहसीलदार कोण्डागांव बाकायदा 9 सितम्बर को शैलेश शुक्ला के खेत में पुलिस के अधिकारी व जवानों को लेकर पहुंचे और अपनी निगरानी में टावर लगाए जाने हेतु जेसीबी से गड्ढा करवाया जाने लगा, इस दौरान किसान द्वारा तहसीलदार से यह पूछे जाने पर कि उनके द्वारा दिए गए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई और यदि कार्यवाही की गई है तो लिखित में उसका जवाब दिए बगैर पुलिस बल लेकर क्यों जबरदस्ती मेरे खेत में टावर लगाए जाने हेतु गड्ढा किया जा रहा है। जिस पर तहसीलदार के द्वारा कोई जवाब नही दिया गया।  प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उक्त तरह की जोर जबरदस्ती पूर्ण कार्यवाही किया जाना, अपने आपको जागरूक, शिक्षित समझने वाले एवं संविधान पर भरोसा रखकर लिखित में सभी जगह आवेदन देकर निवेदन करने वाले किसान को हैरानी में डाल दिया और अंतत: उसे समझ में आ गया कि क्यों कर टावर लगाए जाने हेतु गड्ढा खोदने के लिए निशान लगाए जाने वाले व्यक्तियों के द्वारा उसे पूर्व में ही आगाह कर दिया गया था कि वह चाहे कलेक्टर के पास जाए या सीधे मुख्यमंत्री या फिर राष्ट्रपति तक के सामने जाकर फरियाद कर ले उसकी फरियाद कोई भी नहीं सुनने वाला है।   


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