• त्रिपुरा में घरेलू हिसा दर चिंताजनक : न्यायाधीश

    अगरतला ! त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक कुमार गुप्ता ने राज्य में महिलाओं पर हमले, हमले में मौतों एवं महिला उत्पीड़न के मामलों की उच्च दर पर चिता जताई है। गुप्ता ने गोमती जिले के उदयपुर में वैकल्पिक विवाद निवारण केंद्र के उद्घाटन अवसर पर कहा, "त्रिपुरा की आबादी 37 लाख है, लेकिन यहां घरेलू हिंसा दर देश में सर्वाधिक है।"...

    अगरतला !  त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक कुमार गुप्ता ने राज्य में महिलाओं पर हमले, हमले में मौतों एवं महिला उत्पीड़न के मामलों की उच्च दर पर चिता जताई है। गुप्ता ने गोमती जिले के उदयपुर में वैकल्पिक विवाद निवारण केंद्र के उद्घाटन अवसर पर कहा, "त्रिपुरा की आबादी 37 लाख है, लेकिन यहां घरेलू हिंसा दर देश में सर्वाधिक है।" उन्होंने कहा कि अपराध-आबादी अनुपात में देखें तो यह साफ हो जाता है कि देश में सर्वाधिक घरेलू हिंसा के मामले में राज्य शीर्ष पर है।  वैकल्पिक विवाद निवारण केंद्र, पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी तरह का पहला केंद्र है, जहां घरेलू, मामूली एवं कम गंभीर मामलों को आपस में मेलजोल के जरिए सुलह कराया जाएगा।  न्यायाधीश गुप्ता ने कहा कि त्रिपुरा में उच्च नयायालय की स्थापना से लेकर अब तक लंबित मामलों को तेजी से निपटारे के प्रयास किए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि 2013 में जब उच्च न्यायालय ने कार्य करना शुरू किया तब छह हजार मामले लंबित थे लेकिन अब यह 33 फीसदी है। निचली अदालतों में 1.19 लाख मामले लंबित हैं और इस दिशा में भी तेजी से इनके निपटारे लिए प्रयास किए जा रहे हैं।  त्रिपुरा के विधिमंत्री तपन चक्रवर्ती ने कहा कि दो और विवाद निवारण केंद्र अगरतला और कैलाशहर में जल्द ही शुरू किए जाएंगे। इसके बाद ये केंद्र हर जिलों में स्थापित किए जाएंगे।  घरेलू हिंसा के मामले की चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार कुल पुलिस बल में महिलाओं की संख्या एक-तिहाई करने के प्रयास कर रही है। वर्तमान में कुल पुलिस कांस्टेबल में 13 फीसदी और कुल पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 10 फीसदी है। 


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