• राज्य का दूसरा पशु चिकित्सा कॉलेज बिलासपुर में शुरू

    रायपुर ! प्रदेश का दूसरा शासकीय पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय बिलासपुर के कोनी में शुरू हो गया। कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृहमोहन अग्रवाल ने कल शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कोनी सरकण्डा में इसका शुभारंभ किया।...

    रायपुर !   प्रदेश का दूसरा शासकीय पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय बिलासपुर के कोनी में शुरू हो गया। कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृहमोहन अग्रवाल ने कल शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कोनी सरकण्डा में इसका शुभारंभ किया। कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि अब खेती और उससे जुड़े सभी व्यवसाय जैसे पशुपालन, कुक्कुटपालन, मछलीपालन और डेयरी के काम-धंधे लाभदायक बनते जा रहे हैं। इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करने के लिए खेती व पशु पालन को कौशल उन्नयन से जोड़ा जायेगा तथा पशु पालन से संबंधित डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। श्री अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के सभी संभागों में एक-एक पशुचिकित्सा महाविद्यालय खोले जाएंगे। पशुपालन मंत्री ने कहा कि नये महाविद्यालय में अध्यन-अध्यापन जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने की।  कृषि मंत्री ने कहा कि पशुओं के बिना मनुष्य का जीवन सुखी नहीं रह सकता है। मशीनीकरण के कारण धीरे-धीरे पशुओं की संख्या घटती गई। खेतों में रासायनिक खाद व कीटाणु नाशकों का प्रयोग बढ़ता गया। जिसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियां भी पैदा होने लगी। लेकिन प्रसन्नता की बात है कि आज पुन: विश्व में जैविक खेती के लिए जागरूकता पैदा हुई है। किसान को समृद्ध बनाने के लिए केवल खेती ही नहीं बल्कि पशु पालन, मुर्गी पालन, उद्यानिकी फसल के क्षेत्र में आगे बढ़ाना होगा। आज के दौर में एकीकृत खेती से किसान खुशहाल बन सकते हैं।


     

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