• डेंगू के 5 मरीज मिले, महकमे में हड़कंप

    फतेहपुर ! उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में इन दिनों डेंगू का प्रकोप एक बार फिर सामने आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग आंकड़े नहीं दे पा रहा है। फिलहाल प्रदेश में पांच लोगों की जांच में डेंगू पाए जाने की पुष्टि हुई है। इन सभी का इलाज लखनऊ, कानपुर व इलाहबाद में हो रहा है। (19:52) स्वास्थ्य विभाग ने इन प्रभावितों के गांवों में सतर्कता के तौर पर बचाव व पहचान पर जोर लगा दिया है। ...

    फतेहपुर !  उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में इन दिनों डेंगू का प्रकोप एक बार फिर सामने आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग आंकड़े नहीं दे पा रहा है। फिलहाल प्रदेश में पांच लोगों की जांच में डेंगू पाए जाने की पुष्टि हुई है। इन सभी का इलाज लखनऊ, कानपुर व इलाहबाद में हो रहा है। (19:52)  स्वास्थ्य विभाग ने इन प्रभावितों के गांवों में सतर्कता के तौर पर बचाव व पहचान पर जोर लगा दिया है। प्रभावितों के गांवों में पचास-पचास स्लाइडें तैयार कर परीक्षण के लिए लखनऊ भेजी गई है, जबकि डेंगू से बचाव के लिए इन गांवों में लार्वा-रोधी दवा का छिड़काव किया गया है।  जांच में डेंगू की पुष्टि होना इस बात का बड़ा प्रमाण है कि खखरेरू में फैला विचित्र बुखार डेंगू ही है। यहां एक डेंगू प्रभावित मरीज भी मिला है। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में सीएमओ ने जिले में पांच प्रभावितों का जिक्र किया है। पहला प्रभावित शारदा नगर निवासी वीरेंद्र प्रसाद का पुत्र श्रवणदास है, जबकि दूसरा मरीज फुलवामऊ गांव से रोहित है। इसी तरह तीसरा प्रभावित जाफरगंज के रुसियापुर निवासी देशराज का पुत्र संदीप और चौथा बकंधा निवासी शाहीन है। पांचवां मरीज खखरेरू के विजय नगर निवासी लक्ष्मीकांत त्रिपाठी है। डेंगू के डंक की आहट से महकमा सतर्क हो गया है। इन गांवों में सर्तकता के तौर पर लार्वा-रोधी दवा का छिड़काव, घरों के अंदर पैराथ्रम स्पे, फॉगिंग और प्रभावित के घर के आसपास से पचास-पचास लोगों की स्लाइड तैयार की गई है।  अधिकांश मरीज सरकारी अस्पताल नहीं जाकर निजी अस्पताल जाते हैं, इसलिए सीएमओ विनय कुमार ने निजी पैथालाजी और नर्सिग होम को पत्र जारी कर इस तरह की जानकारी मांगी है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी भी माध्यम से उन्हें मालूम हो तो वह इसकी जानकारी विभाग को दें। जिले में संक्रामक रोग के लिए बने कक्ष और सर्तक कर दिया गया है।  डेंगू के लक्षणों पर जोर देते हुए सीएमओ ने कहा कि यदि किसी को भी ऐसे लक्षण हैं तो वह तुरंत इसकी जांच के लिए आए। उनकी जांच कराकर उन्हें पूरा उपचार दिया जाएगा।


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