• लाठीचार्ज में घायल किसान की मौत, न्यायिक जांच की मांग

    रायपुर ! गंगरेल बांध से पानी छोडऩे की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठी से घायल किसान केजूराम बारले की बुधवार को मौत हो गई। उसकी मौत से राजनीतिक क्षेत्र में बवाल मच गया है। कांगे्रस ने दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।...

    रायपुर !   गंगरेल बांध से पानी छोडऩे की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठी से घायल किसान केजूराम बारले की बुधवार को मौत हो गई। उसकी मौत से राजनीतिक क्षेत्र में बवाल मच गया है। कांगे्रस ने दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वहीं विधायक धनेन्द्र साहू ने न्यायिक जांच कराने मांग की है। 27 सितम्बर को घटना में घायल होने के बाद उसे मेकाहारा में भर्ती कराया गया था। उपचार के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था, लेकिन बुधवार को अभनपुर में उसने दम तोड़ दिया। मृतक का पोस्टमार्टम कराए बगैर आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया था। जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है। नेताओं का आरोप है कि मामले की सच्चाई को दबाने इस तरह का कदम उठाया गया।   नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव व प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा- किसान की मौत के लिए राज्य सरकार जवाबदार है। उन्होंने केजूराम की मौत के लिए जिम्मेदारी तय करने व दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तार करने की मंाग की है। गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे की मांग को लेकर अभनपुर व आसपास के किसानों ने 27 अगस्त को धमतरी कूच का आयोजन किया था। प्रदर्शनकारियों को रोकने पुलिस ने रोकने कई जगहों पर बेरिकेट्स लगाया था। अभनपुर से काफी संख्या में विधायक धनेन्द्र साहू व गुरुमुख सिंह होरा के नेतृत्व में किसान रवाना हुए थे। पानी नहीं मिलने से आक्रोशित किसान व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने पुलिस ने अश्रु गैस छोडऩे के साथ ही लाठीचार्ज किया गया था। कई किसान घायल हुए थे। इनमें केजूराम बारले भी शामिल था। उसे उपचार के लिए मेकाहारा रायपुर में लाया गया था। जहां इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी। बुधवार को उसकी घर पर ही मौत हो गई।  अभनपुर के किसान आंदोलन में पुलिस के लाठीचार्ज से घायल किसान केजूराम बारले की निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुये कांग्रेस ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि रमन सरकार किसान विरोधी तो थी ही, अब वह किसानों की हत्यारी भी हो गई है। केजूराम बारले की मौत के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जिम्मेदार हैं। प्रदेश में अल्प वर्षा के कारण सूखे के हालात बन चुके हैं। मुख्यमंत्री घोषणा के बावजूद बांधों से किसानों को पानी नहीं दे रहे हंै। गंगरेल बांध से खेती के लिये पानी देने की मांग को लेकर आंदोलन करने जा रहे किसानों की कायरतापूर्वक पिटाई की गई। किसानों को रोकने के लिये पुलिस ने सरकार के इशारे पर न सिर्फ हिंसक लाठियां बरसाई, आंसू गैसे के गोले भी छोड़े गये। निहत्थे बुजुर्ग किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। पुलिस का रवैया उस दिन ऐसा था कि वे किसानों को रोकने नहीं उन पर बदले की भावना से लाठियों का प्रहार कर रहे थे। इसी का परिणाम है कि बड़ी संख्या में किसान गंभीर रूप से घायल हुये और आज एक किसान की दुखद मौत हो गई। किसान की इस मौत के लिये पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी की सरकार जवाबदार है। सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। इस मौत की जिम्मेदारी तय होनी चाहिये। जिम्मेदार लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की जाए। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला ने कहा है कि किसान केजूराम बारले पानी मांगने अपनी खेती-किसानी को बचाने निकला था, लेकिन सरकार ने उसे अश्रु बम फेंककर मार डाला।


     

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