• कॉल ड्रॉप की समस्या से परेशान हैं हाईटेक सिटी के लोग

    नोएडा ! शहर में एक तरफ तो आधुनिक संचार क्रान्ति की बड़ी बड़ी बातेें कर रही हैं और जमीनी हकीकत यह है कि मोबाइल से उपभोक्ता ठीक से बात भी नहीं कर सकता । मोबाइल कम्पनियों की दादागिरी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।...

    नोएडा !  शहर में एक तरफ  तो आधुनिक संचार क्रान्ति की बड़ी बड़ी बातेें कर रही हैं और जमीनी हकीकत यह है कि मोबाइल से उपभोक्ता ठीक से बात भी नहीं कर सकता । मोबाइल कम्पनियों की दादागिरी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। काल ड्राप की समस्या दिनों दिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। पूरा पैसा देने के बाद भी मोबाइल उपभोक्ता को सुविधा नहीं मिल पा रही हे इस कारण आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। सरकारी कंपनी सहित सभी मोबाइल कंपनियों में यह आम समस्या बनती जा रही है। शिकायत की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही हे। इन सब बिन्दुओं को लेकर जनहित मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दूर संचार विभाग के जीएम से मिला। प्रतिनिधिमडल ने अनिल गुप्ता के नेतृत्व में दूरसंचार विभाग के जीएम एके गुप्ता से मुलाकात की। अनिल गुप्ता ने मुलाकात के दौरान बताया कि टेलीफोन कंपनियों की मनमानी के आगे उपभोक्ता परेशान है। कॉल ड्रॉप की शिकायतों के बाद भी निवारण की कोई दिलचस्पी इन कम्पनियो में दिखाई नहीं दे रही। दूरसंचार काम्पनियों  इनमें एयरटेल, वोडा फोन, रिलायंस बीएसएनएल के पिछले कुछ समय से सभी मोबाईल कम्पनियों के नेटवर्क की कमी के कारण नोएडा की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई वार फोन मिलाने के बाद भी बात पूरी नहीं हो पाती है। कभी आवाज नहीं आती तो कभी नो सर्विस आती है। इससे आर्थिक नुकसान के अतिरिक्त उपभोक्ताओं को भारी मानसिक परेशनी का भी सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक दिक्कत एयरटेल मोबाईल कम्पनी से आ रही है। उपभोक्ताओं द्वारा बार बार शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नोएडा उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक राजस्व देने वाला क्षेत्र है यहां पर देश- विदेश की औद्योगिक व व्यवसायिक गतिविधियां चलती है, जिन पर कुप्रभाव पड़ रहा है। पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर ने बताया कि जिस तरह से हाईटेक सिटी में रह रहे लोगों को कॉल ड्राप का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद भी उन्हें विभाग की ओर से संतुष्ट जबाब नहीं मिला है। ऐसे में मोर्चा अब आगे की रणनीति बनाने में जुटेगा। दिल्ली में बैठे अधिकारियों से मुलाकात करने का दौर शुरू होगा और जरूरत पड़ी तो वे दूर संचार मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। उपभोक्ताओं पर पड़ रही दोहरी मार आमतौर पर सभी दूरसंचार कंपनियों ने अपने ग्राहकों के लिए कॉल दरें सेकेण्ड में चार्ज करने की सुविधा दे रखी है। लेकिन काल दरें सस्ते करने की मुहीम में कंपनियों का मिनट वाला प्लान ज्यादा सस्ता मालूम होता है। इसी प्रकार की लालच देकर कंपनियां एक मिनट वाले दर से ग्राहकों से पैसा वसूलती है, जबकि ग्राहकों की ओर से की जाने वाली कॉल्स कुछ सेकेण्ड में ही अपने आप कट हो जाती है। इस कटने वाली काल्स पर भी कंपनियां पूरे मिनट का पैसा काटती हैं। इससे ग्राहकों को काफी चूना लगता है और कंपनियां मालामाल हो रही हैं।


     

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