• जनपद में तेजी से पैर पसार रहा डेंगू

    नोएडा ! प्राधिकरण व जिला अस्पताल के तमाम दावों के बीच शहर में डेंगू तेजी से अपना पैर पसारता जा रहा है। सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में 11 और संदिग्ध मामले प्रकाश में आए हैंै। इसके बावजूद अधिकारियों की सुस्ती नहीं टूट रही। अधिकारी एक दुसरे पर आरोप मढ़ते नजर आ रहे हैं।...

     जिम्मेदारी से बच रहे अधिकारी नोएडा !   प्राधिकरण व जिला अस्पताल के तमाम दावों के बीच शहर में डेंगू तेजी से अपना पैर पसारता जा रहा है। सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में 11 और संदिग्ध मामले प्रकाश में आए हैंै। इसके बावजूद अधिकारियों की सुस्ती नहीं टूट रही। अधिकारी एक दुसरे पर आरोप मढ़ते नजर आ रहे हैं। शहर में कई जगह इस बीमारी के मच्छर पनप रहे हैं। लेकिन इनके सफाए के लिए न स्वास्थ्य विभाग सर्तक दिख रहा है और न ही प्राधिकरण। विभाग बस यह कहकर पीठ थपथपा रहा है कि अभी डेंगू का इलाज सफालता पूर्वक किया जा रहा है। सोमवार को 11 संदिग्ध मरीज आए सामने  जिला अस्पताल में डेंगू से मौत का कोई मामला नहीं आया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नागेन्द्र मोहन माथुर बताते हैं कि सोमवार को 11 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं। लेकिन हालात काबू में है। उन्होंने बताया कि आज डेंगू के मामले जो भी प्रकाश में आ रहे हैं उन सबकी वजह गंदगी, पानी का भराव व फॉगिंग सही रूप से न होना है। वे बताते हैं कि यदि समय से साफ-सफाई व जलभराव को लेकर हपहले ही सर्तकर्ता बरती जाती तो मामले और कम आते। गौरतलब है किडेंगू की दस्तक ने लोगों में डर भर दिया है, लेकिन जिम्मेदार अभी भी मुस्तैद नहीं दिख रहे। जिला अस्पताल द्वारा जहां डेंगू को लेकर किसी प्रकार का जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है वहीं फॉगिंग के दावे भी फेल नजर आ रहे हैं। चौडा रघुनाथपुर के राजेन्द्र पंडित बताते हैं कि फॉगिंग को लेकर जरूर किए जाते हैं लेकिन असल में यह दावे कहीं नहीं ठहरते। शहरवासियों में डेंगू-मलेरिया से बचाने के लिए अभी कितना काम होना है, इसकी सच्चाई सड़कों पर पड़ा कचरा व जगह-जगह जमा गंदा पानी बयां कर रहा है। प्राधिकरण फॉगिंग के नाम पर हर वर्ष लाखों रुपए खर्च करता है। इस वर्ष भी दवा खरीदी गई। बावजूद इसके शहर के लोगों को मच्छरों के प्रकोप से छुटकारा नहीं मिल रहा है। मच्छरों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। एक बेड पर दो मरीज जिला अस्पताल में डेंगू के संदिग्ध मामलों की संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बेड दो मरीजों को दिया जा रहा है। अस्पताल में कागजों पर सिर्फ 100 बेड मौजूद हैं।  मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉॅ. नागेन्द्र मोहन  बताती हैं कि डेंगू एक विषाणुजनित रोग है। इसका वाहक एडीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं। अगर यह मच्छर किसी मरीज को काटने के बाद अन्य किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है तो वह भी बीमारी की चपेट में आ जाता है। इससे बचने का फिलहाल कोई टीका नहीं मौजूद है, सिर्फ सावधानियां ही आपको डेंगू से बचा सकती हैं। इसका मच्छर साफ पानी में भी हो सकता है। रात को ही नहीं दिन में भी लोगों को एतिहात बरतनी चाहिए। क्या कहते हैं प्राधिकरण अधिकारी एक के गोयल, प्रोजेक्ट इंजीनियर स्वास्थय बताते हैं कि फॉगिंग का कार्यक्रम लगातार सेक्टरों व गांवों में किया जा रहा है। सोमवार को सेक्टर-59, 60,121,127,128, 49 बरौला समेत अन्य सेक्टरों में फॉगिंग की गई। फॉगिंग का नियम डेंगू के मच्छरों व लारवा का सफाया करने के लिए सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे का समय मुफीद होता है। इस समय हवा का बहाव कम रहता है और लोगों की आवाजाही कम। दवा संबंधित क्षेत्र में जज्ब हो जाती है। दोपहर में दवा दूर तक फैलती है और उसका प्रभाव कम हो जाता है। फॉगिंग की सूचना भी पहले दी जानी चाहिए, ताकि लोग अपने घरों के खिड़की-दरवाजे खोल सकें। जागरुकता ही बचाव ठंड के साथ तेज बुखार, सिर मांसपेशियों व जोड़ों में तेज दर्द, अत्यधिक कमजोरी, भूख में कमी, जी मितलाना,मुहं का स्वाद कम होना, शरीर पर लाल चकत्ते, लाल-गुलाबी ददोरे, खून की जांच में प्लेटलेट्स एक लाख यूनिट से कम हो जाना।


     

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