रायपुर ! राज्य सरकार ने चालू खरीफ मौसम के लिए लागू राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में धान (सिंचित) फसल को भी शामिल कर लिया है। कृषि विभाग द्वारा यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से इस संबंध में 25 अगस्त को अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार सिंचित धान फसल को राजस्व निरीक्षक मण्डल स्तर पर अधिसूचित किया गया है। सिंचित धान में फसल क्षतिपूर्ति का स्तर 80 प्रतिशत तक होगा। राज्य के 25 जिले की 106 तहसीलों के 182 राजस्व निरीक्षक मंडलों की धान सिंचित फसल को बीमा योजना के दायरे में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के कृषि विभाग द्वारा केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुमोदन के पश्चात खरीफ मौसम 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू करने के लिए विगत 23 जून को अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के अनुसार खरीफ मौसम की सात फसलों धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मंूगफली, तुअर (अरहर), उड़द तथा मंूग बीमा योजना के दायरे में रखा गया है। इन सातों फसलों की बीमा के लिए पटवारी हल्का को बीमा इकाई बनाया गया है। कल 25 अगस्त को जारी नई अधिसूचना में धान सिंचित फसल को भी शामिल किया गया है। इस प्रकार अब खरीफ मौसम की आठ फसलें राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में शामिल हो गई हैं।
नई अधिसूचना के अनुसार धान (सिंचित) फसल की बीमा के लिए राजस्व निरीक्षक मंडल को इकाई माना जाएगा। बीमा के दायरे में ऋणी कृषक, बटाईदार और कास्तकार किसान भी आएंगे। बीमा योजना ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य होगी। योजना में एक अप्रैल 2015 से 30 सितम्बर 2015 तक धान (सिंचित) फसल के लिए ली गई ऋण राशि को खरीफ 2015 मौसम के दायरे में रखा गया है। धान (सिंचित) फसल हेतु अधिसूचित क्षेत्रों में न्यूनतम 10 प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग आयोजित किया जाना अनिवार्य होगा। राज्य शासन द्वारा उपज का आंकड़ा भेजने की अंतिम तिथि धान (सिंचित) फसल के लिए 31 जनवरी 2016 निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले की रायपुर, आरंग, अभनपुर, तिल्दा, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की बलौदाबाजार, बिलाईगढ़, कसडोल, सिमगा, भाटापारा और पलारी तहसील, गरियाबंद जिले की छुरा, मैनपुर, देवभोग, गरियाबंद और फिंगेश्वर-राजिम तहसील, महासमुंद जिले की महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना, सरायपाली तहसील, धमतरी जिले की धमतरी, नगरी, कुरूद और मगरलोड तहसील, दुर्ग जिले की दुर्ग, पाटन और धमधा तहसील को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अधिसूचित फसल धान (सिंचित) के लिए अधिसूचित किया गया है। बालोद जिले की बालोद डौण्डी, डौण्डीलोहारा, गुरूर और गंडरदेही तहसील, बेमेतरा जिले की बेमेतरा, नवागढ़, बेरला, थानखम्हरिया और साजा तहसील, राजनांदगांव जिले की राजनांदगांव, छुरिया, डोंगरगांव, खैरागढ़, छुईखदान, डोंगरगढ़, मानपुर, मोहला, अंबागढ़ चौकी तहसील, कबीरधाम जिले की बोडला, कवर्धा, पंडरिया और सहसपुर लोहारा तहसील, बस्तर जिले की तोकापाल और बस्तर तहसील, कोण्डागांव जिले की बड़ेराजपुर तहसील, कांकेर जिले की कांकेर, चारामा, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, पखांजूर तहसील, सुकमा जिले की छिंदगढ़ और सुकमा तहसील को अधिसूचित फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है।
बीजापुर जिले की भोपालपट्टनम, उसूर तहसील, बिलासपुर जिले की मस्तूरी, तखतपुर, बिल्हा, पेण्ड्रारोड, पेण्ड्रा, मरवाही, बिलासपुर, कोटा तहसील, मुंगेली जिले की मुंगेली, पथरिया और लोरमी तहसील, जांजगीर-चाम्पा जिले की जांजगीर, चाम्पा, पामगढ़, सक्ति, डभरा, नवागढ़, जैजेपुर, मालखरौदा, अकलतरा और बलौदा तहसील, कोरबा जिले की कोरबा, करतला, कटघोरा और पाली तहसील, सरगुजा जिले की अंबिकापुर, लखनपुर तहसील, सुरजपुर जिले की सूरजपुर, भैयाथान, प्रतापपुर तहसील, बलरामपुर जिले की राजपुर तहसील, कोरिया जिले की बैकुण्ठपुर तहसील, रायगढ़ जिले की धरमजयगढ़, खरसिया, रायगढ़, पुसौर, बरमकेला, सारंगढ़, घरघोड़ा और लैलूंगा तहसील, जशपुर जिले की कांसाबेल कुनकुरी, फरसाबहार और बगीचा तहसील की धान (सिंचित) फसल को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में शामिल किया गया है।