• सीरियल किलर के शिकार बने परिवारों को नहीं पता कौन है रविंदर?

    नई दिल्ली ! अब तक लगभग 30 से ज्यादा नाबालिगों की हत्या और दुष्कर्म की बात कबूलने वाले रविंदर कुमार को भले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके शिकार बने बच्चों के घर वाले पुलिस जांच के बारे में कुछ और ही खुलासा करते हैं। क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि रविंदर के शिकार बने ज्यादातर बच्चों के घर वालों को पता ही नहीं है कि उनके बच्चों को मौत देने वाला वहशी गिरफ्तार हो चुका है?...

    नई दिल्ली !    अब तक लगभग 30 से ज्यादा नाबालिगों की हत्या और दुष्कर्म की बात कबूलने वाले रविंदर कुमार को भले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके शिकार बने बच्चों के घर वाले पुलिस जांच के बारे में कुछ और ही खुलासा करते हैं। क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि रविंदर के शिकार बने ज्यादातर बच्चों के घर वालों को पता ही नहीं है कि उनके बच्चों को मौत देने वाला वहशी गिरफ्तार हो चुका है? दरअसल, एक विदेशी अखबार की रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, मुंडका से गायब हुई 18 महीने की बच्ची के परिजनों का आरोप है कि पिछले चार साल से पुलिस ने कभी भी उनके घर का न तो चक्कर लगाया है और न ही उनकी बच्ची की गुमशुदगी से संबंधित कोई जानकारी दी। अखबार के मुताबिक ज्यादातर परिवारों का आरोप है कि इस मामले से संबंधित कोई भी कागजात उनके पास नहीं हैं। पुलिस ने सिर्फ उन्हें एफआईआर की कॉपी सौंपी है। 2011 में मुंडका में किडनैप कर मार दी गई 18 माह की बच्ची के परिजनों ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनकी बच्ची के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक क्या जांच की है। बच्ची के परिजनों का कहना है कि पिछले चार साल में किसी भी पुलिस वाले ने उनकी बच्ची की हत्या के बारे में किसी गिरफ्तारी के बारे में कुछ नहीं बताया है। परिवार ने यह स्वीकार किया है कि कुछ दिन पहले दो लोग बिना वर्दी के सामान्य कपड़ों में आए थे जिन्होंने खुद को पुलिसवाला बताया और वारदात के बारे में कुछ सवाल पूछे और चले गए। बच्ची की मां ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनकी बच्ची की हत्या के मामले में रविंदर नाम के किसी शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक रविंदर ने स्वीकार किया है कि 2011 में उसने मुंडका इलाके में 18 माह की एक बच्ची का अपरहण कर उसके साथ रेप कर उसकी हत्या की थी। रविंदर ने यह भी स्वीकार किया है कि हत्या के बाद उसने बच्ची की लाश मुंडका पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर फेंक दिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि खुद बच्ची के परिजन उसके रेप की बात को स्वीकार नहीं कर रहे। उनका कहना है कि उन्हें बच्ची की लाश उन्हें पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर मिली थी। बच्ची की मां का कहना है कि घर से महज 500 मीटर की दूरी पर उन्हें बच्ची की लाश मिली थी। उसके शरीर चोट के कुछ निशान थे। लेकिन उसके शरीर पर रेप का कोई लक्षण नहीं थे। परिजनों का दावा है कि पुलिस ने उन्हें बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है, लेकिन उनकी बच्ची की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी। बच्ची के परिजनों का आरोप है कि घटना को हुए चार साल बीत गए हैं लेकिन अभी जांच के लिए हैदराबाद भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है। ठीक इसी तरह कंझावल इलाके से गायब हुई एक बच्ची की मां का आरोप है कि पुलिस रविंदर को सेलिब्रिटी की तरह पेश कर रही है। उसके इंटरव्यू हो रहे हैं जैसे उसने कोई महान काम कर दिया है। उन्होंने बताया कि 2011 में जब वह सो रहे थे तभी कंझावल इलाके से उनकी बेटी गायब हो गई। परिजनों का कहना है कि वह सो रहे थे इसलिए उन्हें नहीं पता कि उनकी बच्ची को कौन उठा कर ले गया। हालांकि चार साल बीतने के बाद भी पुलिस ने इस केस के बारे में उन्हें आज तक कोई जानकारी नहीं दी है और न ही कोई रिपोर्ट सौंपी है। देखना दिलचस्प होगा कि रविंदर के स्वीकार करने के बाद भी दिल्ली पुलिस उसके गुनाहों को कोर्ट में साबित कैसे करती है क्योंकि इसमें से ज्यादातर मामलों को तो पुलिस ने गंभीरता से लिया ही नहीं था।


     

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