• स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर शहरों के बीच असमंजस

    गाजियाबाद ! स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने वाले शहरों को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया जाएगा। प्रतिस्पर्धा के मानदंड में इस बात को भी शामिल किया गया है...

    गाजियाबाद !    स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने वाले शहरों को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया जाएगा। प्रतिस्पर्धा के मानदंड में इस बात को भी शामिल किया गया है कि नागरिकों के शिकायतों के निस्तारण में शहर के नगर निकाय एवं विकास प्राधिकरण की क्या स्थिति है। शिकायतों के निस्तारण में नगर निगम और जीडीए ने अभी शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं किया है लेकिन मूलभूत सुविधाओं से संबंधित शिकायतों के निस्तारण में रिकार्ड बेहतर है। शहर कितना अच्छा है? शहर में सुविधाएं कैसी हैं? नगर निकाय या फिर विकास प्राधिकरण कैसा काम कर रहा है? इन सवालों का जवाब ढूंढना हो तो सबसे पहले हमें इस बात का पता लगाना चाहिए कि शिकायतों के निस्तारण के मामले में शहर के जिम्मेदार विभागों की क्या स्थिति है। नगर निकाय या फिर विकास प्राधिकरण आम लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लेता है और समय से उन शिकायतों का निस्तारण करता है तो यह शहर और शहरवासी दोनों के लिए अच्छा है। गाजियाबाद नगर निगम में ऑन लाइन शिकायत दर्ज कराने की भी व्यवस्था शुरू हो गई है। पिछले वर्ष तक शिकायत दर्ज कराने के लिए लोगों को नगर निगम मुख्यालय या फिर जोनल कार्यालय तक आना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। 28 नवंबर 2014 को तत्कालीन नगरायुक्त आरके सिंह ने ऑन लाइन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया। अधिशासी अभियंता एके सिंह को नोडल अधिकारी बनाया है। नगर निगम में ईमेल, एसएमएस, वाट्सअप के जरिये भी शिकायतें दर्ज कराने की व्यवस्था शुरू की गई। शिकायत निस्तारण होने के बाद शिकायतकर्ता को नगर निगम द्वारा अपडेट भी कराया जाता है। नगर निगम में इस बात का भी रिकार्ड रखा जाता है कि कब शिकायत आई, किस विभाग के किस अधिकारी को मामला सौंपा गया और कब शिकायत का निस्तारण हुआ। वर्ष 2015 में दर्ज शिकायतों में से 84 फीसद शिकायतों का निस्तारण नगर निगम ने निर्धारित अवधि में किया है। नगर निगम में 8 हजार 522 शिकायतें दर्ज हुई, जिनमें से 7 हजार 155 शिकायतों का निस्तारण किया गया। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में में ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण की व्यवस्था है। शिकायतों के निस्तारण के मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण 94 फीसद सफल रहा है।


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