• बस ऑपरेटरों की हड़ताल समाप्त

    रायपुर । डीजल के बढ़ते दाम एवं प्रतिमाह 2 करोड़ रुपए का हो रहा नुकसान के चलते बसों का किराया 75 पैसे प्रति किमी से एक रुपए प्रति किलोमीटर करने सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश मिनी बस महासंघ ने हड़ताल कर दी, जिसके चलते प्रदेश भर में बसों के पहिए थमे रहे। वहीं राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अन्य बस स्टैण्डों में यात्री वाहनों की तलाश में भटकते रहे। ...

    परिवहन आयुक्त ने 1 माह में मांगों को पूरा करने का दिया आश्वासननहीं चली बसें, राजधानी सहित प्रदेश भर में यात्री दिनभर रहे परेशानरायपुर । डीजल के बढ़ते दाम एवं प्रतिमाह 2 करोड़ रुपए का हो रहा नुकसान के चलते बसों का किराया 75 पैसे प्रति किमी से एक रुपए प्रति किलोमीटर करने सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश मिनी बस महासंघ ने हड़ताल कर दी, जिसके चलते प्रदेश भर में बसों के पहिए थमे रहे। वहीं राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अन्य बस स्टैण्डों में यात्री वाहनों की तलाश में भटकते रहे। शाम 5 बजे परिवहन आयुक्त द्वारा मिले आश्वासन के चलते संघ ने फिलहाल हड़ताल स्थगित कर दी है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि परिवहन आयुक्त ने मांगों को एक माह के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया है।परिवहन कार्यालय में अनावश्यक रूप से संघ की फाइलों को रोके रहना, समस्या का निराकरण न करना और न ही फाइलों की कमियों को बताना। बस चालकों को सडक़ पर अनावश्यक रूप से रोकना एवं कार्रवाई करने सहित परिवहन विभाग संबंधित लगभग 8 मुद्दों से नाराज छत्तीसगढ़ मिनी परिवहन संघ ने हड़ताल कर दी। साथ ही अन्य परिवहन संघों से सहयोग की अपील की। संघ की इस अपील पर कांकेर रोडवेज, रॉयल ट्रेवल्स, पायल, नरेश, मनीष, शिवनाथ, राजधानी एवं राजहंस ट्रेवल्स व दुर्ग रोडवेज सहित अन्य ने समर्थन में बसों का संचालन दिन भर बंद रखा। वहीं महेन्द्रा, जीवन महेन्दर एवं रैन्बो ट्रेवल्स ने संघ का समर्थन न करते हुए बसों का संचालन जारी रखा। प्रदेश भर में बसों का संचालन रोके जाने से यात्री काफी परेशान हुए। शादी-ब्याह का सीजन होने के नाते इन दिनों बस अड्डों में काफी भीड़ रहती है। ऐसे में बसों के न चलने से यात्री काफी परेशान हुए। गर्मी के चलते यात्री छांव, पानी एवं वाहनों की तलाश में इधर-उधर घूमते नजर आए। कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों ने ऑटो, जीप आदि का सहारा लेते नजर आए। छत्तीसगढ़ प्रदेश मिनी बस महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शफीफ रजा ने कहा कि प्रदेश भर में 7 हजार बसें संचालित की जाती हैं। डीजल की कीमत बढऩे से प्रतिमाह 2 करोड़ रुपए का नुकसान महासंघ को हो रहा है। किराया की कीमत 75 पैसे से एक रूपया करने की मांग काफी दिनों से की जा रही थी, लेकिन परिवहन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा था। मजबूरीवश हड़ताल करनी पड़ी। महासंघ के इस निर्णय से यात्रियों को जो परेशानी उठानी पड़ी, उसके लिए हमें काफी खेद है, लेकिन अपने अधिकार के लिए ऐसा कदम मजबूरी में उठाना पड़ा। महासंघ को जो समर्थन मिला, उसके लिए सभी पदाधिकारी आभारी हंै। दोपहर 3 बजे परिवहन आयुक्त सुब्रमण्यम स्वामी का चर्चा के लिए बुलावा आया। शाम 4 बजे महानदी भवन में एक बैठक हुई, जिसमें महासंघ के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों से अवगत कराया। आयुक्त ने सभी मांगों पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि बसें बंद करने के संबंध में मुझे क्यों नहीं बताया गया। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन एक सप्ताह पूर्व ही परिवहन आयुक्त कार्यालय में दे दिया था। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि परिवहन आयुक्त कार्यालय में बैठें अधिकारी पहले ही आयुक्त से चर्चा करा देते तो बंद करने की नौबत नहीं आती। परिवहन आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि एक माह के अन्दर मांग पूरी करा दी जाएगी। संघके पदाधिकारी सभी जिला अध्यक्षों से चर्चा कर परिवहन आयुक्त से हुई मांगों के संबंध में बातचीत की जानकारी दी और जिला अध्यक्षों की सहमति पर अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली। परिवहन आयुक्त से हुई चर्चा में छ.ग. प्रदेश मिनी बस महासंघ के अध्यक्ष हाजी शफीक रजा, उपाध्यक्ष सूर्यकांत शुक्ला, महासचिव कमलजीत उबोवेजा, घनश्याम अग्रवाल, कमलजीत पान्, राजेन्द्र चन्द्राकर, संदीप जैन, छ.ग. यातायात महासंघ के प्रकाश देशलहरा, अनवर अली, प्रीतम सिंग गरचा, शकील अहमद सिद्दिकी, चम्पालाल साहू, गुरमीत सिंग संधु, आदि नेतागण उपस्थित थे। वैसे संघ के लगभग 50 सदस्य मंत्रालय गए थे, लेकिन बैठक में 8 लोगों को ही शामिल किया गया। इस बैठक में परिवहन आयुक्त सुब्रमण्यम स्वामी के अलावा हेमकृष्ण राठौर, डी रविशंकर एवं बीएल धु्रव उपस्थित थे।

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