• प्यासे ग्रामीणों को पिला रहे झूठे दावों की घुट्टी

    पौड़ी ! पेयजल मंत्री भले ही यह दावा कर रहे हों कि प्रदेशवासी पेयजल किल्लत से त्रस्त नहीं होंगे। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। ग्रेविटी आधारित योजनाओं के जवाब देने के बाद अब पंपिंग योजनाओं पर ही पहाड़ की चोटियों पर बसे गांवों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने की उम्मीद टिकी है। लेकिन इन योजनाओं को तय समय पर पूरा करने को लेकर न तो मंत्री, विधायक ही संजीदा हैं और न ही विभागीय अधिकारी।...

    पौड़ी !  पेयजल मंत्री भले ही यह दावा कर रहे हों कि  प्रदेशवासी पेयजल किल्लत से त्रस्त नहीं होंगे। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। ग्रेविटी आधारित योजनाओं के जवाब देने के बाद अब पंपिंग योजनाओं पर ही पहाड़ की चोटियों पर बसे गांवों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने की उम्मीद टिकी है। लेकिन इन योजनाओं को तय समय पर पूरा करने को लेकर न तो मंत्री, विधायक ही संजीदा हैं और न ही विभागीय अधिकारी। पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल की मनियारस्यूं पूर्वी व पश्चिमी पट्टी की करीब दस दर्जन बस्तियां वर्ष भर पेयजल संकट से जूझती हैं। इन गांवों को पेयजल मुहैया कराने के लिए चिनवाड़़ी डांडा पंपिंग पेयजल योजना का प्राक्लन पेयजल निगम की पौड़ी प्रकल्प शाखा द्वारा करीब आठ वर्ष पूर्व तैयार कर दिया गया था। हाल ही में निगम द्वारा इस योजना के लिए करीब 26 करोड़ का संशोधित प्राक्कलन तैयार किया गया। लेकिन विभागीय कयावदें फाइलों में ही चक्कर काट रही हैं। पेयजल एवं निर्माण निगम की पौड़ी शाखा के अधिशासी अभियंता के मुताबिक इस बारे में तमाम औपचारिकताएं पूरी कर शासन को भेजी जा चुकी हैं। लेकिन क्षेत्र की जनता विधायक व निगम के अधिकारियों के खोखले दावों से आजिज आ चुकी है। पूर्व के अनुभव को देखते हुए स्वीकृत हो चुकी कोला पातल पंपिंग योजना का निर्माण कब शुरू होगा इसे लेकर संशय बना हुआ है। वहीं दो वर्ष स्थापित की गई महत्वाकांक्षी कल्जीखाल की मुंडेश्वर पंपिंग योजना अपने पहले ही पायदान पर जवाब देने लगी है। इस योजना से जुड़े गांवों के ग्रामीण अभी भी अनियमित जलापूर्ति से परेशान हैं। योजनाओं में हुई गड़बडिय़ों की जांच पौड़ी के उपजिलाधिकारी सदर पीएल शाह ने की तो अनेक अनियमितताओं का खुलासा हुआ। वहीं इसी ब्लाक की ज्वाल्पा देवी पंपिंग योजना भी अब आखिरी सांसे गिनने की कगार पर पहुंच गई है।

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