जयपुर ! केन्द्रीय जल संसाधन प्रबंधन एवं नदी विकास राज्यमंत्री सावंरमल जाट ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक खेती की नई तकनीकें इजाद करें, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों को भरपूर आर्थिक लाभ मिल सकें।जाट आज बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में युवा महोत्सव, 2015 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग के लिए भी प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि आज खेती की तकनीकों में अंतर आया है। बूंद बूंद का अधिकतम उपयोग हो रहा है। फव्वारा और स्प्रिंकलर सिस्टम से किसान लाभ ले रहे हैं,फिर भी कृषि वैज्ञानिकों को चाहिए कि वे इस क्षेत्र में नियमित शोध करें और यह सुनिश्चित करें कि इनका प्रर्याप्त लाभ किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि युवा शोधार्थी इस बात का अध्ययन करें कि किसानों के लिए खेती पूर्णतया लाभदायक किस प्रकार बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता के आधार पर आज भी राजस्थान देश के पिछड़े राज्यों में सम्मिलित है। इस कारण किसानों तक ऐसी तकनीकें पहुंचाने की जरुरत है,जो कम से कम पानी का अधिकतम उपयोग करते हुए ज्यादा उत्पादन दें। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक ऐसी व्यवस्था इजाद करें ,जिससे किसान आय ,व्यय और लाभ का आकलन कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव लगातार आमंत्रित किए जाते हैं तथा किसान हित के सुझावों को मूर्त रुप देने के प्रयास किए जाते है। बेमौसम हुई बरसात से किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इसके प्रति केन्द सरकार पूर्ण संवेदनशील है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर प्रभावित किसानों की सहातया राशि बढ़ाई गई है। इसके लिए सभी राज्यों की सरकारों से सहमति के प्रयास किए जा रहे हैं,जिससे इस दिशा में सकारात्मक कार्य हो सके।