• प्राधिकरण ने 300 करोड़ का एस्टीमेट आईआईटी को भेजा

    नोएडा ! शहर के लोगों को आने वाले समय में भरपूर गंगाजल मिलेगा। इसके लिए प्राधिकरण ने प्रयास तेज कर दिए हैं। प्राधिकरण के पास वर्ष 2018 में 330 एमएलडी गंगा जल की उपलब्धता होगी। मास्टर प्लान 2021 में शहर की आबादी 22 लाख के आसपास होगी। ...

    नोएडा !  शहर के लोगों को आने वाले समय में भरपूर गंगाजल मिलेगा। इसके लिए प्राधिकरण ने प्रयास तेज कर दिए हैं। प्राधिकरण के पास वर्ष 2018 में 330 एमएलडी गंगा जल की उपलब्धता होगी। मास्टर प्लान 2021 में शहर की आबादी 22 लाख के आसपास होगी। बढ़ी हुई आबादी के लिए 330 एमएलडी गंगा जल प्रचुर मात्रा में होगा। नोएडा तीसरे चरण की गंगा जल परियोजना पर सितंबर 2015 में काम शुरू कर देगा। दिसंबर 2018 में शहर को 90 एमएलडी और गंगा जल मिलने लगेगा। मौजूदा समय में 240 एमलडी गंगा जल की आपूर्ति सुबह-शाम हो रही है।वर्ष 2018 में 90 एमएलडी गंगा जल और बढ़ जाएगा। इस तरह से 300 एमएलडी गंगा जल शहर के लोगों को मिलने लगेगा। प्राधिकरण ने 300 करोड़ रुपए की तीसरे चरण की गंगा जल परियोजना का एस्टीमेट आईआईटी दिल्ली को भेजा है। प्रावधान है कि 10 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का एस्टीमेट आईआईटी पर जाता है। उसके मानक पर एस्टीमेट खरा उतरने पर प्राधिकरण इसकी ई-टेंडरिंग व अन्य कार्रवाई करता है। परियोजना को लेकर नोएडा की जैसी तैयारी है उसके मुताबिक प्राधिकरण मास्टर प्लान 2021 का लक्ष्य वर्ष 2018 में ही हासिल कर लेगा। तीसरे चरण की परियोजना चालू होने के बाद प्राधिकरण चौथे चरण की गंगा जल परियोजना मास्टर प्लान 2031 की तैयारी में जुटेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 11 अप्रैल को लखनऊ से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की कुल 62 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया था। इसमें नोएडा शहर की तीसरे चरण की 90 एमएलडी गंगा जल परियोजना का भी शिलान्यास किया गया था। परियोजना का अनुमानित एस्टीमेट 240 करोड़ रुपए का बनाया गया था। अब यह 300 करोड़ रुपए की परियोजना है। प्राधिकरण ने गंगा जल के दूसरे चरण की परियोजना का शुभारंभ वर्ष 2010 में उत्तर प्रदेश जल निगम के साथ किया था। पांच साल के निरंतर प्रयास के बाद वर्ष 2015 की शुरुआत से ही 240 एमएलडी गंगाजल की घर-घर आपूर्ति हो रही है। मौजूदा गंगाजल से 16 लाख लोगों की प्यास बुझ सकती है। नोएडा की मौजूदा आबादी तकरीबन साढ़े छह लाख है। गंगाजल की आपूर्ति के लिए नोएडा में 56 सेक्टर बनाए गए हैं। इसमें से 40 सेक्टरों में वितरण कार्य पूरा हो गया है। इनमें 70 से 80 सेक्टर शामिल हैं। प्राधिकरण पहले चरण की परियोजना में शहर में 48 एमएलडी, दूसरे चरण की परियोजना में 192 एमएलडी गंगाजल की उपलब्धि हासिल किया है। अब तीसरे चरण की परियोजना में 90 एमएलडी और गंगाजल हासिल करने के लिए सितंबर 2015 में काम शुरू हो जाएगा। जैसे-जैसे गंगाजल की मात्रा बढ़ रही है पानी की गुणवत्ता सुधर रही है। वर्ष 2018 में इसमें गजब का सुधार आएगा। प्राधिकरण के मुख्य अनुरक्षण अभियंता (जल-सीवर) होम सिंह यादव ने बताया कि नोएडा की निगरानी में सितंबर 2015 से उत्तर प्रदेश जल निगम तीसरे चरण की गंगा जल परियोजना (90 एमएलडी) पर काम शुरू कर देगा। यह परियोजना शहर के लोगों को पानी की और अच्छी गुणवत्ता का अहसास कराएगी।

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