• 5 कोयला खदानों की नीलामी अधर में

    रायगढ़ ! जिले के तमनार ब्लाक के अंतर्गत आने वाले पांच कोयला खदानों में कल आधी रात के बाद कोयले का उत्पादन ठप कर दिया गया। इन खदानों से निकाले गए कोयले का परिवहन करने कंपनियों को 31 मार्च की बजाय अब 8 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है। ...

    कोल इंडिया को सौंपने की तैयारी रायगढ़ !     जिले के तमनार ब्लाक के अंतर्गत आने वाले पांच कोयला खदानों  में कल आधी रात के बाद कोयले का उत्पादन ठप कर दिया गया।  इन खदानों से निकाले गए कोयले का परिवहन करने कंपनियों को 31 मार्च की बजाय अब 8 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 मार्च के बाद कोल ब्लॉक से किसी भी तरह का उत्खनन व परिवहन करने पाबंदी लगाई गई है। वहीं कोल कंट्रोल ऑफ इंडिया की पांच अलग-अलग टीमें नई कंपनियों को खदानें हस्तांतरित होने वाले कोल ब्लॉक का निरीक्षण करने आज पहुंची और पूरे दिन इन टीमों ने खदान क्षेत्र में स्टाक बेरिफिकेशन करने के साथ-साथ इसका मेजरमेंट भी किया। उल्लेखनीय है कि जिले के तमनार क्षेत्र में संचालित गारे 4/1 जो जेएसपीएल रायगढ़ के पास था उसे अब उच्च न्यायालय दिल्ली ने कोल इंडिया को अंतरिम आदेश तक सौंप दिया है वहीं गारे 4/2 तथा गारे 4/3 जो अब तक जेपीएल के पास था उसे भी हाईकोर्ट के निर्देश  पर कोल मंत्रालय द्वारा कोल इंडिया द्वारा संचालित करने का निर्देश दिया है इसी तरह मिलूपारा तमनार में संचालित 4/4 जो मोनेट इस्पात को आबंटित था उसे ओपन नीलामी में हिंडाल्को ने प्राप्त किया है। जिसके हस्तांतरण की वृहद तैयारियों प्रारंभ हो गयी है। इसी तरह 4/7 करवाही जो सारडा एनर्जी के पास था जो नीलामी में मोनेट गु्रप को प्राप्त हुआ है। जिला प्रशासन के निर्देश पर खनिज विभाग द्वारा संबंधित कंपनियों को निर्देश देकर मंगलवार 31 मार्च की रात 12 बजे से कोयले का उत्खनन बंद करा दिया है। वहीं संबंधित कंपनियों को प्राप्त खदानें आपस में हस्तांतरण करने शांतिपूर्ण माहौल में बैठक कर निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।पूरे दिन चला स्टाक मेजरमेंट का काम कोयला मंत्रालय के निर्देश पर रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों द्वारा किये गये कोयला उत्खनन हेतु रखे गये स्टाक का वेरिफिकेशन करने आज रायगढ़ पहुंच चुकी  । कोल कंट्रोलर की अलग-अलग पांच टीमों ने पूरे दिन खदान क्षेत्र में स्टाक बेरिफिकेशन करने के साथ-साथ उपलब्ध स्टाक का मेजरमेंट भी किया। मेजरमेंट का काम पूरा कर लिया गया है। मगर इन खदानों में स्टाक की अधिकृत जानकारी उपलब्ध नही हो सकी है।इमर्जेसी सेवाएं रहेंगी बहालमोनेट गु्रप द्वारा संचालित मिलूपारा माईस जो कि अंडरग्राउंड है और वह अब हिंडाल्को को आबंटित हुई है उसके हस्तांतरण को लेकर एसडीएम घरघोड़ा ने मोनेट प्रबंधन तथा हिंडाल्को के अधिकारियों के मध्य बैठक कराकर डायरेक्टर जनरल माईंस एण्ड सेफ्टी के निर्देश के परिपालन में एमर्जेसी सेवाएं बहाल रखने को कहा है जिसमें खदान क्षेत्र का पानी निकासी की व्यवस्था यथावत मोनेट गु्रप द्वारा की जावेगी। जिसका हिंडाल्को द्वारा किया जायेगा।रेल कारीडोर बन जायेगा तमनार-रायगढ़ मार्गप्राप्त जानकारी के अनुसार अकेले जेएसपीएल के पास 16 लाख टन तथा सारडा एनर्जी के पास कोयले का भंडारण है जिसे इन कंपनियों को 7 दिन में परिवहन करना है अर्थात प्रतिदिन 3 लाख टन कोयले का परिवहन तमनार से रायगढ़ मार्ग में होगा जिसके लिए लगभग एक हजार ट्रिप प्रतिदिन के हिसाब से उठाव करना होगा। 45 किलोमीटर के इस मार्ग पर रोज एक हजार ट्रिप का परिवहन अपने आप में हादसों को निमंत्रण है।परिवहन के लिये मिले 6 दिनजिला खनिज अधिकारी श्री नाग ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न कंपनियों की मांग पर उत्खनित कोयला का परिवहन करने हेतु मांग करने पर सात दिन की मोहलत दी गयी है इस समय सीमा में इन्हें संपूर्ण स्टाक 8 अपै्रल से पहले खाली करना है। स्टाक जमा रखने वाली कंपनियों को उपलब्ध स्टाक का परिवहन करने के लिये खनिज विभाग से परिवहन की अनुमती लेनी होगी उसके बाद ही परिवहन करना संभव होगा। कोल खनन पर ग्रामीणों की नजरमिली जानकारी के अनुसार कोयले के उत्खनन पर रोक लगाने के बाद तमनार क्षेत्र मं इन कंपनियों का विरोध करने वाले ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि वे अब अवैध उत्खनन नही होनें देंगे तथा खदानों के आसपास ग्रामीण समूह बनाकर नजर रखेंगे।

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