• बाइकर्स से निपटने में पुलिस के छूट रहे पसीने

    नोएडा ! शहर में बाइकर्स गिरोह को पकडऩे में पुलिस के पसीने छूट रह हैं। पूरा शहर इन बाइकर्स के निशाने पर है। सुनसान इलाके और महिलाएं खास तौर पर इनके निशाने पर है। दिन निकलने के साथ इनकी वारदातों का सिलसिला शुरू होता है और देर रात तक रोज जिले में आधा दर्जन से अधिक लोग इनके शिकार बन रहे हैं।...

    नोएडा !   शहर में बाइकर्स गिरोह को पकडऩे में पुलिस के पसीने छूट रह हैं। पूरा शहर इन बाइकर्स के निशाने पर है। सुनसान इलाके और महिलाएं खास तौर पर इनके निशाने पर है। दिन निकलने के साथ इनकी वारदातों का सिलसिला शुरू होता है और देर रात तक रोज जिले में आधा दर्जन से अधिक लोग इनके शिकार बन रहे हैं। पुलिस पेट्रोलिंग और प्राधिकरण की ओर से पुलिस को मिली सुपर बाइक भी इन वारदातों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही हैं।  गौरतलब है कि नोएडा प्राधिकरण ने शहर में बढ़ते क्राइम ग्राफ को रोकने के लिए पुलिस को तेज रफ्तार बाइक और इनोवा गाड़ी मुहैया कराई है। पुलिस को शिकायत थी कि बदमाशों की तेज रफ्तार बाइक का पुलिस के पास मौजूद बाइक मुकाबला नहीं कर सकती है। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने पल्सर बाइक नोएडा पुलिस को पेट्रोलिंग के लिए दी। पुलिस को बाइक मिले एक साल से अधिक समय हो चुका है लेकिन इस दौरान वादरातों का आंकड़ा कम होने के बजाए लगातार बढ़ रहा है। नोएडा पुलिस को बाइकर्स पर रोक लगाने के लिए सबसे बड़ी समस्या यहां की भौगोलिक स्थिति है। नोएडा से दिल्ली और गाजियाबाद की सीमाएं लगती है। बाइकर्स वारदातों को अंजाम देने के बाद नोएडा की सीमा से फरार हो जाते हैं। जिससे पुलिस को इन्हें पकडऩा काफी मुश्किल हो जाता है। तीसरी आंख भी नहीं आई काम शहर में बढ़ती वारदातों पर लगाम लगाने के लिए प्राधिकरण और पुलिस ने मिलकर सिटी सर्विलांस सिस्टम की शुरुआत की थी। इसके तहत शहर में प्रमुख चौराहों व बाजारों को कैमरों की जद में किया गया। इसमें से अधिकांश खराब है तो कहीं चलते नहीं है। ऐसे में बाइकर्स वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। और पुलिस को सिर्फ धुंधले चेहरे ही मिलते है। 

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