• कामकाजी महिलाएं हो रही हैं शोषण का शिकार

    नोएडा ! आज शहर भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। यह बात अलग है कि हर जगह महिलाओं के साथ भेदभाव जारी है, लगता है कि 8 मार्च के दिन संस्थाएं व सरकारें इस भेदभाव पर बस चिंता जताकर पल्ला झाड़ लेती हैं। गांव हो या शहर हर जगह महिलाओं के साथ सभी जगह भेदभाव आम बात है। चलिए जानते हैं कि शहर के अलग अलग हिस्सों में महिलाओं को किस तरह की परेशानियां भुगतनी पड़ रही है और उसके साथ किस तरह भेदभाव हो रहे हैं।...

    नोएडा !   आज शहर भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। यह बात अलग है कि हर जगह महिलाओं के साथ भेदभाव जारी है, लगता है कि 8 मार्च के दिन संस्थाएं व सरकारें इस भेदभाव पर बस चिंता जताकर पल्ला झाड़ लेती हैं। गांव हो या शहर हर जगह महिलाओं के साथ सभी जगह भेदभाव आम बात है। चलिए जानते हैं कि शहर के अलग अलग हिस्सों में महिलाओं को किस तरह की परेशानियां भुगतनी पड़ रही है और उसके साथ किस तरह भेदभाव हो रहे हैं।सीमा श्रीवास्तव बताती है कि अंतराष्टï्रीय महिला दिवस की  इस कवायद को देखकर मैं सोचती हूं कि क्या पुरुषों के क्षेत्र में दखल देना ही एक महिला की सफलता का मापदंड है। इस खोज में वे महिलाएं क्यों खो जाती हैं जिन्होंने अपना जीवन होम करके अपने परिवार को आगे बढ़ाया है। महिला दिवस उन अस्सी प्रतिशत महिलाओं का दिन भी दिन है जो परिवार की धुरी बनकर नित्य एक नई यातना से गुजरती हैं। मैं ऐसी बहुत सी महिलाओं को जानती हुं जो हर दृष्टि से अपने पति से अधिक काबिल हैं, पर परिवार के लिए अपने कैरियर की बलि दे चुकी हैं। एक महिला के बिना क्या दुनिया के किसी भी परिवार की कल्पना की जा सकती है। अधिकांश महिलायें आज भी शोषण सहने को मजबूर हैं और यह शोषण करने वाले और कोई नहीं उनके अपने हैं। कामकाजी महिलाओं की भी कमोबेश यही स्तिथि है। महिलाओं को नौकरी में भी आज अपना परिचय देना पडता है। महिलाओं को आज भी यह सुनना पडता है कि आप से ये नहीं होगा। महिलाएं सक्षम है लेकिन पुरूषों के आगे उन्हें देखने वाले कम ही लोग है। वर्तमान युग में भी महिलाओं के साथ शोषण हो रहा है।  अट्टा बाजार के दुकानदार अनिल का कहना है कि नारी के लिए तो जन्म लेने से मृत्यु तक इसी सफ र को तय करना होता है। उसके लिए हर दिनए हर पलए हर समय, हर साल, हर उम्र के बढ़ते उस दौर में भी परीक्षा की कठिन घड़ी होती है। जिससे मुकाबला करके उसे हर कदम आगे ही आगे चलना होता है।

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