नोएडा ! रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरूवार को मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया गया। रेल बजट पेश होने से पहले देशवासियों की सांसे रेल किराए को लेकर अटकी पडी हुई थी लेकिन बजट पेश होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।जनता ने मिलकर रेल बजट का स्वागत किया और आशा जताई की बजट को वास्तविकता में उतारने की आवश्यकता है। हालांकि कुछ लोगों को शिकायत रही लेकिन रेल बजट में आम आदमी की सुविधा को देखते हुए लोगों ने इस बजट को सराहाया। आईए जानते हैं क्या कहना है लोगों का अनजना भागी का कहना है कि शानदार रेल बजट है। जनसंख्या आए दिन बढ़ती जा रही है उनते ही पैसों में सुविधाएं अधिक मिल रही है तो उससे ज्यादा क्या चाहिए। महिलाओं का खासा ध्यान रखा गया है। रेल को हाईटेक बनाने पर जोर दिया गया है। मोदी सरकार को जितना दिया गया था उसमें उसने बहुत कुछ जनता को दिया है। साफ-सफाई व खाने को लेकर लोगों की शिकायत रहती थी लेकिन रेल बजट पर इन बातों पर ध्यान दिया गया है। बजट का स्वागत करना चाहिए। रेलेव बुकिंग 4 महिने पहले करने की सुविधा से लोगों को फायदा होगा। लोगों की जेब पर असर नहीं पडा है ये सबसे खास बात है।पीयूष मोहन का कहना है कि पहली बार रेलवे में बेसिक बदलाव की बात की गई। रेल मंत्री ने यात्री किराया नहीं बढ़ाया और लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखा। कांग्रेस ने जो मोदी सरकार के सामने रखा था उसके मोदी सरकार खरी उतरी है। अगर नई रेलों की घोषणा नहीं हुई है तो उसके पीछे भी कारण है। पिछली सरकारों ने पटरी नीं बिछाई। पटरी बिछी होतीं तो रेलें भी नई आती। वहीं लगातार रेलवे को हो रहे घाटे के आगे मोदी सरकार का बजट स्वागत योग्य है। रेलवे में एक समय पर माल अत्धीक मात्रा में ढोया जाता था लेकिन वर्तमान में सारा माला सड़क यातयात द्वारा ढ़ोया जा रहा है। पिछली सरकारों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। रेल बजट में आम आदमियों के लिए काफी कुछ है। सुरक्षा को लेकर खासा ध्यान दिया गया है। रेल बजट में महिलाओं, बुजुर्गों के लिए जो सुविधाएं उसके लिए रेल मंत्री को शुभकामनाएं। दलालों पर शिकंजा कसने के लिए कवायद शुरू होगी।इरम खान का कहना है कि रेल बटज पेश किया गया है। लेकिन इस बजट को वास्तविकता में भी काम करना होगा। जो सुविधाएं बजट में गिनाई गई हैं उनका पालन करना जरूरी है। महिलाओं के लिए अगर सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही गई तो उसे लगाना भी होगा। लगाने के बाद ये देखना भी जरूरी होगा कि वो काम कर भी रहे हैं या नहीं। विकलांगों, वरिष्ठ नागरकि व अन्य को दी जाने वाली सुविधाओं का पालन करना चुनौती होगा। आम जन को देखते हुए किराए को घटाया जाना चाहिए था। आत जन का बजट तभी होता जब लोगों को इसमें राहत मिलती। लोगों को अन्य सुविधाएं देकर लुभाने की कोशिश की गई है लेकिन देखना होगा की इन बातों को पूरा किया जाता है की नहीं।