लगातार गिर रहा महिलाओं का स्वस्थ्य राजसमंद (राजस्थान) ! राजस्थान के राजसमंद जिले में महिलाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है। ये महिलाएं साक्षरता के अभाव और कम उम्र में विवाह जैसे विभिन्न कारणों से तरह-तरह की बीमारियों से ग्रस्त रहती हैं। इन्हीं महिलाओं में से एक हैं राजसमंद जिले के सकरावास की रहने वाली डाली, जो अपने मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से काफी कमजोर हो गई हैं। अपनी दशा के बारे में डाली ने संवाददाता को बताया, मैंने समझ लिया था कि अब मैं मरने वाली हूं। क्योंकि 20 दिनों की अवधि के दौरान मुझे रोजाना अत्यधिक मात्रा में रक्तस्राव होता था। डाली की ही तरह उसके पड़ोस में रहने वाली लक्ष्मी के शरीर में भी खून की भारी कमी है। लक्ष्मी ने बताया, मैं अपने बच्चे को दूध पिलाने में भी समर्थ नहीं हूं। क्योंकि अत्यधिक कमजोरी की वजह से शरीर में दूध नहीं बनता है। इससे मेरा बच्चा भूखा रह जाता है। इस गांव में रहने वाली लगभग प्रत्येक महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर हैं। ये महिलाएं स्वास्थ्य समस्याओं, लापरवाही, गरीबी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी की शिकार हैं। सिर्फ सकरवास गांव की महिलाएं ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के कई गांवों में महिलाओं को विभिन्न बीमारियों से जूझना पड़ता है।यहां की महिलाओं की शादी कम उम्र में ही कर दी जाती है, जिससे उन्हें गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जुंधा गांव में रहने वाली 20 वर्षीय संतोष रेगर आठ महीने की गर्भवती हैं और इस अवस्था में भी वह अपने भाई के साथ खेत में हाथ बंटाती हैं। इस क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठन, जतन संस्थान की पिंकी खटिक ने कहा, इस क्षेत्र की महिलाओं की शादी कम उम्र में ही कर दी जाती है और इस वजह से गर्भावस्था के दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ये महिलाएं अपना ध्यान रखने में भी समर्थ नहीं हैं। क्योंकि ये आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। जतन संस्थान के कार्यकारी निदेशक कैलाश बृजवासी के मुताबिक, राजसमंद के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में केवल तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। ये तीनों स्त्री रोग विशेषज्ञ पुरुष ही हैं।