• पुलिस व ग्रामीणों के बीच पथराव

    नोएडा ! शनिवार को एक बार फिर प्राधिकरण की कार्रवाई के दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच पथराव हुआ। पुराने रास्ते को बचाने के लिए धरने पर बैठे ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर पत्थर बाजी और लाठियां बरसी। बैरीकेटिंग कर पुराने रास्ते के घेर कर वहां दिवार बना दी गई। इस घटना में करीब आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गए। ...

    घटना में आधा दर्जन ग्रामीण घायलनोएडा !   शनिवार को एक बार फिर प्राधिकरण की कार्रवाई के दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच पथराव  हुआ। पुराने रास्ते को बचाने के लिए धरने पर बैठे ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर पत्थर बाजी और लाठियां बरसी। बैरीकेटिंग कर पुराने रास्ते के घेर कर वहां दिवार बना दी गई। इस घटना में करीब आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गए। दरअसल, जिस रास्ते के लिए कार्रवाई हुई वह रास्ता जेपी का प्लॉट है। जेपी अस्पताल के पीछे एक पुराना रास्ता है। यह रास्ता सीधे गांव रोहिल्लापुर और शाहपुर को जोड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि जेपी कंपनी इस रास्ते को अपनी जमीन बता रही है। जबकि रास्ता पुस्तैनी हैं और प्राधिकरण अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त भी किया था कि बातचीत से समस्या का हल निकाला जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने जेपी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके तहत रास्ते का कुछ भाग जेपी की अधिग्रहीत जमीन पर आता है। जेपी प्लॉट की चारदिवारी करना चाहता था। फैसले को अमल में लाते हुए शुक्रवार सुबह कार्रवाई की गई। सुबह करीब चार बजे धरना स्थल पर पीएसी, एक्सप्रेस-वे थाने की पुलिस पहुंची। सैकड़ों की संख्या में पहुंची पुलिस ने धरने पर बैठे ग्रामीणों को घेर लिया। इस बीच ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। विरोध करते ही पुलिस और ग्रामीणों के बीच पत्थर बाजी और लाठियां बरसनी शुरू हो गई। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने धरना स्थल को तोड़ दिया। आरोप है कि ग्रामीणों को गांव के अंदर तक घुस-घुस कर पीटा गया। इस घटना में करीब आधा दर्जन ग्रामीण घायल हुए। जिसमें मनीश चौहान, निशांत, जगवीर, योगेंद्र समैत एक महिला पूनम भी शामिल है। बताते चलें कि ग्रामीण यहा दो फरवरी से धरने पर बैठे थे। ग्रामीणों के जाते ही की बैरीकेंटिंगग्रामीणों के वहां से हटते ही भारी पुलिस बल और रास्ते के आसपास बैरीकेटिंग कर दी गई। साथ ही रास्ते पर दीवार बनाने का काम शुरू कर दिया गया।

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