• बागबाहरा नेत्रकांड : पांच डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई

    रायपुर ! लगातार कई वर्षों तक दोषी नेत्र चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई से कतरा रहे राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज सख्ती दिखाते हुए आखिरकार बागबहरा नेत्रकांड के दोषियों के खिलाफ प्रारंभिक कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग ने 5 डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाइ्र की है। ...

        दो चिकित्सकों का पंजीयन रद्द    दो की वेतन वृद्धि में रोक    एक की सीआर में विपरीत टिप्पणी लिखने के निर्देश    दो नेत्र सहायकों व दो नर्सों का पंजीयन निरस्त    स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने वाला ट्रस्ट भी 3 वर्ष के लिए प्रतिबंधित    ट्रस्ट से साढ़े 19 लाख जुर्माना वसूलने के भी निर्देशदो मेडिकल स्टोर्स को काली सूची में डालने व एफआईआर दर्ज कराने के आदेशरायपुर !   लगातार कई वर्षों तक दोषी नेत्र चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई से कतरा रहे राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज सख्ती दिखाते हुए आखिरकार बागबहरा नेत्रकांड के दोषियों के खिलाफ प्रारंभिक कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग ने 5 डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाइ्र की है। जिसमे दो डाक्टरों के पंजीयन निरस्त करने, दो डॉक्टरों के वेतन वृद्धि रोकने एवं एक के सीआर में विपरीत टिप्पणी लिखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा 2 नेत्र सहायक अधिकारी, 2 नर्स के पंजीयन निरस्त करने के आदेश भी दिए गए हैं।  स्वास्थ्य विभाग ने शिविर का आयोजन करने वाले ट्रस्ट को भी 3 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है और उनसे 19.5 लाख रुपए हर्जाना वसूलने के निर्देश भी महासमुंद सीएमओ को दिया है। विभाग ने शिविर में दवा की आपूर्ति करने वाले 2 मेडिकल स्टोर को भी काली सूची में डालने और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर करने के निर्देश सीएमओ को दिया है।स्वास्थ्य विभाग के संचालक आर प्रसन्ना ने बताया कि बागबहरा नेत्र शिविर का आयोजन श्री कृष्णा चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया था जिसमें 16 हितग्राहियों ने ऑपरेशन कराया था और उनके आंखों की रौशनी चले गई थी। जिसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जिसके बाद आज मामले में संबंधित लोगोंं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। शिविर में आंखों की रौशनी गवाने वाले 16 लोगों को 16 लाख रुपए एवं शासन द्वारा उनके उपचार के लिए खर्च किए 3.5 लाख रुपए इस प्रकार कुल 19.5 लाख रुपए की वसूली श्री कृष्णा चेरिटेबल ट्रस्ट से किया जाएगा। इसके अलावा इस ट्रस्ट को  3 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है।उन्होंने बताया कि शिविर में ऑपरेशन करने वाले डॉ. चारूदत्त एवं डॉ. अमृता के पंजीयन एमसीआई से निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं तथा डॉ. वीपी सिंह के एक वार्षीय वेतन वृद्धि और डॉ. पात्रे के 2 वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश आज दिया गया है। उन्होंने बताया कि नेत्रकांड में दोषी डॉ. पुरूवंशी के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन में विपरीत टिप्पणी भी लिखी जाएगी। इसके अलावा शिविर में सेवा दे रही नर्स श्रीमती देवनाथ एवं कु. रैना रागनी के दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने और उनके पंजीयन नर्सिंग काउसिलिंग से निरस्त करने के लिए भी कहा गया है। शिविर में सेवा देने वाले नेत्र सहायक अधिकारी उमेश गोतमारे एवं टीसी मजुमदार को भी दोषी पाया गया है और उनके दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने और उनका पंजीयन छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल से निरस्त करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य संचालक ने बताया कि बागबहरा  के लक्ष्मी मेडिकल स्टोर्स और रायपुर के बजरंग मेडिकल स्टोर्स को अमानक दवा विक्रय का दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के लिए महासमुंद सीएमओ को कहा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन को पत्र भेजा गया है कि शिविर में जो दवा उपयोग की गई थी उनके निर्माताओं को ब्लेक लिस्ट किया जाए।

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