नोएडा । हाईटेक सिटी में इन दिनों खान-पान की सामाग्री बेचने वालों के वारे न्यारे हो रहे हैं। दुकानदार जहां अपनी जेबें भर रहे हैं वहीं सड़े गले फल और दूषित खाद्य पदार्थ का सेवन ग्राहक का बीमार कर रहा है। क्योंकि शहर में इन पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है और रोकथाम करने वाले जिम्मेदार विभाग मौन हैं। सिर्फ त्योहार के समय विभाग थोड़ा सक्रिय दिखाई देता है और फिर वह भी औपचारिकता पूरी कर बैठ जाता है। इन दूषित खाद्य पदार्थों के उपयोग करने से शहरवासियों की सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। नतीजतन पेट संबंधी बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं। मामले पर विभाग ने साधी चुप्पीबाजार में सड़े-गले फल, घी, दूध, मावा सहित पेय पदार्थों में मिलावट का खेल जारी है। नागरिक रमेश पंत ने बताया कि शहर में अधिकतम बाहर से मावा, पनीर सहित अन्य खाद्य पदार्थ आते हैं। जिसमें अधिकतम वस्तुएं ग्वालियर, आगरा आदि स्थानों से आती हैं। पूर्व में इन नगरों में मिलावट खोरी के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इन दिनों शहर में शदियों की धूम है ऐसे में अधिक खपत के कारण बाहर से खाद्य सामग्री का क्रय किया जाता है। जिले में दूध की कमी के कारण बाहर से कम दाम में खरीदी करने पर गुणवत्ता वाली सामग्री नहीं मिल पाती है। कईयों बार बाजार में दूषित मिठाइयों का सेवन करने के कारण लोगों का स्वास्थ खराब हो चुका है। लेकिन फिर भी जिम्मेदार विभाग के ढीलपोल रवैए के कारण आमजन का स्वास्थ प्रभावित हो रहा है। कम खर्चा में अधिक मुनाफा कमाने के लिए कई चाट के ठेले वाले खटाई के रूप में अमचूर के स्थान पर टाटरी का उपयोग करते हैं। जो कि स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक होती है। इसके अलावा खराब तेल भी शरीर में गैस, एसीडीटी सहित अन्य रोगों को जन्म दे सकता है। खुलेआम बाजार में कई चाट के ठेलों द्वारा ऐसी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। साप्ताहिक बाजार में सड़े गले फ लों का विक्रय सरेआम ठेलों पर होता रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए लोगों को ठेला वाले सड़े फलों को कम दाम पर बेच देते हैं। जो कि लोगों की सेहत खराब कर रहे हैं।क्या कहना है नागरिकों कासरकार ने मिलावट खोरी को गैर जमानती अपराध बनाया है। और इसमें अधिक सजा का प्रावधान रखा है। लेकिन अधिकारी मिलावट खोरों से साठ-गाठ कर इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप लोगों का स्वास्थ खराब हो रहा है। महक खान, नागरिकदूध, मावा, पनीर, फल आदि सामग्री का उपयोग अधिक उर्जा और अच्छे स्वास्थ के लिए करते हैं। लेकिन ज्यादा मुनाफा कमाने के चलते वर्तमान में मिलावट के कारण इन सामग्रियों से स्वास्थ खराब हो रहा है। इसकी जांच जिम्मेदार विभाग को समय-समय पर करते रहना चाहिए।