• शहर में पॉलिथीन पर नहीं लग पा रही रोक

    नोएडा ! हाईटेक सिटी नोएडा में पॉलिथीन का उपयोग जी का जंजाल बनता जा रहा है। पॉलिथीन के बढ़ते प्रयोग के तहत भी इस पर कोई कदम प्रशासन नहीं उठा रहा है। पॉलिथीन पर अभी तक जिले में रोक नहीं लग पाई है। दुकानदार खुलेआम इसका उपयोग कर रहे हैं। ग्राहक भी इसका प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। ग्राहक किसी भी सामान की खरीदारी कर पॉलिथीन में ही ढोकर घर ले जाते हैं, जो बाद में यही जी का जंजाल बन जाता है। ...

    नोएडा !    हाईटेक सिटी नोएडा में पॉलिथीन का उपयोग जी का जंजाल बनता जा रहा है। पॉलिथीन के बढ़ते प्रयोग के तहत भी इस पर कोई कदम प्रशासन नहीं उठा रहा है। पॉलिथीन पर अभी तक जिले में रोक नहीं लग पाई है। दुकानदार खुलेआम इसका उपयोग कर रहे हैं। ग्राहक भी इसका प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। ग्राहक किसी भी सामान की खरीदारी कर पॉलिथीन में ही ढोकर घर ले जाते हैं, जो बाद में यही जी का जंजाल बन जाता है। यहां बड़े पैमाने पर पॉलिथीन का उपयोग होने से गंदगी तो बढ़ ही रही है, बरसात में नालियां भी जाम हो जाएंगी। जिसका नतीजा यह होगा कि शहर की नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगेगा। पॉलिथीन का उपयोग कर लोग उसे नालियों में फेंक देते हैं। इसका असर बरसात के दिनों में दिखाई पड़ता है। इसके कारण हल्की बारिश में ही नालियां जाम हो जाती हैं। लिहाजा नालियों का पानी सड़क पर बहने लगता है। इससे नालियां हमेशा जाम रहती हैं। प्लास्टिक के कारण कागज से बने ठोंगे का उपयोग घट गया है। दुकानदार अब लोगों को कोई भी सामान पॉलिथीन में ही देते हैं। यही नहीं अब तो प्लास्टिक की गिलास व विभिन्न प्रकार के खिलौने भी आसानी से बाजार में मिलने लगे हैं। खाने का सामान लाने अथवा ले जाने में प्लास्टिक के उपयोग का असर मनुष्य के शरीर पर भी पड़ता है। खाना गरम हो तो इसका दुष्प्रभाव और अधिक पड़ता है। वहीं इसका असर सीधे किडनी पर पड़ता है। इससे लोगों की जान जोखिम में है। पॉलिथीन पानी में गलता नहीं है। यह मिट्टी की उर्वरता को घटा देता है। इससे खेत में पैदावार कम हो जाती है। वहीं इसके जलने से कार्बन डाई आक्साइड गैस निकलती है। प्रदूषण मानकों के मुताबिक 40 माइक्रोन के प्लास्टिक के उपयोग पर सरकार द्वारा किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। परंतु बाजार में इससे कम माइक्रोन के प्लास्टिक का उपयोग सस्ता होने के कारण किया जाता है। इसे वायुमंडल प्रदूषित होता है। इससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी ओर इससे नालियां आदि जाम हो जाती हैं। जिसके कारण पानी सड़क पर बहने लगता है। सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए।प्लास्टिक मानव जीवन के लिए हानिकारक है। यह डिस्पोजेबल नहीं है। इसका रीसाइकिल नहीं होता है। यह ऑक्सीजन ऑब्जर्व करता है। प्लास्टिक के बदले जूट की थैली या कागज का ठोंगा व्यवहार करना चाहिए। प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने को लेकर कई बार संस्था की ओर से अभियान चलाया गया है। संस्था लोगों को कपडे का बैग प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती है तथा वितरित करती है। इसी के साथ वे बच्चों को खासा प्रोत्साहित करती हैं कि पॉलिथीन को छोड़ हमें कपडों के बैग का प्रयोग करना चाहिए। बच्चों के अंदर जागरूकता आएगी तो अपने आप परिजन भी इसको लेकर जागरूक होंगे।

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