• जिलाधिकारी के आदेश को स्कूलोंं ने दिखाया ठेंगा

    नोएडा ! कड़ाके के ठंड के चलते आंठवी तक के सभी माध्यम के स्कूलों को जिलाधिकारी ने 14 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया है। इसके बाद भी निजी स्कूल खुले रहे। संचालकों की इस मनमानी से नौनिहालों को ठंड में ठिठुरना पड़ा। इनकी मनमानी पर तहसील प्रशासन की अनदेखी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। अचानक बढ़ी हांड़ कंपा देने वाली ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी चंद्रकात नर्सरी से आंठवी तक के सभी निजी सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों को 14 जवनरी तक बंद करने का आदेश दे दिया। ...

    नोएडा !   कड़ाके के ठंड के चलते आंठवी तक के सभी माध्यम के स्कूलों को जिलाधिकारी ने 14 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया है। इसके बाद भी निजी स्कूल खुले रहे। संचालकों की इस मनमानी से नौनिहालों को ठंड में ठिठुरना पड़ा। इनकी मनमानी पर तहसील प्रशासन की अनदेखी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। अचानक बढ़ी हांड़ कंपा देने वाली ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी चंद्रकात  नर्सरी से आंठवी तक के सभी निजी सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों को 14 जवनरी तक बंद करने का आदेश दे दिया।  उन्होंने चेतावनी भी दी कि जिले में कहीं भी स्कूल खुले मिले तो संचालकों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने सभी उपजिलाधिकारियों से दो टूक कहा कि जहां भी स्कूल खुले मिलें उनके खिलाफ  तत्काल कार्रवाई की जाए। मगर जिलाधिकारी के स्कूल बंद करने के फरमान को तहसील क्षेत्र के कई स्कूल संचालकों ने ठेंगा दिखा दिया। हालांकि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल तो बंद रहे लेकिन निजी सकूल इस कडाके की ठंड में खुले हैं। जिसमें ढऩे वाले नर्सरी के छात्र भी हैं। छात्रों का कहना है कि स्कूल न जाने पर उन्हें र्जुमाना देना पड़ेगा। सलारपुर स्थित स्वमी विवेकानंद पब्लिक स्कूल जो बारहवीं तक चल रहा है खुलेआम जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है। कुछ स्कूल संचालकों से इस बाबत पूछा गया तो नाम न छापने की शर्त पर कहाकि वे स्वत:स्कूल संचालित करते हैं। आए दिन स्कूल बंद रखने से छवि खराब होती है। संचालकों की इस मनमानी के चलते नौनिहालों को ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल जाना पड़ रहा है। डीएम के आदेश को ठेंगा दिखाने में तहसील प्रशासन भी कम जिम्मेदार नहीं है। ऐसा नहीं है कि तहसील के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। एसडीएमए तहसीलदार और नायब तहसीलदार की आंखों के सामने से दिन भर छात्रों से भरी बसें और टेंपो गुजरते रहते हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की अनदेखी लोगों को समझ नहीं आ रही है।

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