• कबीर पंथियों की ऐतिहासिक शोभायात्रा, लाखों की भीड़

    रायपुर ! कबीर पंच शताब्दी महोत्सव के चौथे दिन कबीरपंथियों ने बूढ़ापारा स्थित आउटडोर स्टेडियम से अलौकिक एवं नयनाभिराम झांकी निकाली, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल हुए। कबीर पंथ ने शोभायात्रा के माध्यम से सतरंगी छटा बिखेर दी। इस रैली में देश-विदेश एवं विभिन्न राज्यों से पहुंचे हजारों साधु-संतों के साथ लाखों श्रद्वालु जुटे हैं। ...

    रायपुर !  कबीर पंच शताब्दी महोत्सव के चौथे दिन कबीरपंथियों ने बूढ़ापारा स्थित आउटडोर स्टेडियम से अलौकिक एवं नयनाभिराम झांकी निकाली, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल हुए। कबीर पंथ ने शोभायात्रा के माध्यम से सतरंगी छटा बिखेर दी। इस रैली में देश-विदेश एवं विभिन्न राज्यों से पहुंचे हजारों साधु-संतों के साथ लाखों श्रद्वालु जुटे हैं। विभिन्न प्रकार परिधानों में निकले यह शोभायात्रा सत्यनाम और साहेब बंदगी के जयघोष के साथ सत्य का ध्वजा फहरा गए। राजधानी के इतिहास में इतनी तादाद में लगभग ढाई से तीन किलोमीटर लम्बी रैली इतने संतों एवं महिलाओं के कलश यात्रा की शायद पहली रैली होगी, जिसे देखकर शहर के लोग आश्चर्यचकित हुए। उल्लेखनीय है कि सद्गुरु कबीर धर्मदास वंशावली प्रतिनिधि सभा दामाखेड़ा के तत्वावधान में पंथश्री प्रकाशमुनि नाम साहेब के सानिध्य में कबीरपंथ की स्थापना के पांच सौ वर्ष पूरे होने पर पंच शताब्दी महोत्सव का आयोजन किया गया है। इस रैली में 2100 सौ महिलाओं ने कलश धारण की थी और यह कलश यात्रा विशेष रूप से सराहनीय एवं आकर्षक सतरंगी छटा बिखेर रही थी।। 51 घोड़ों पर महंत सवार थे। 500 महंत ध्वजा लेकर चल रहे हैं। 11 कर्मा पार्टी, आदिवासी नृत्य, राउत नृत्य, सत्यनाम धुन पार्टी एवं भजन मंडली के कलाकारण अपनी प्रस्तुति देते हुए चल रहे थे। 51 घोड़ों में सवार साधु-संत और 500 ध्वजाधारी महंत सफेद चोंगे में नयनाभिराम लग रहे थे। रैली में करीब 30 टोलियां शामिल थी। हर कबीरपंथी कार्यकर्ताकबीर महोत्सव की रैली में पधारे हरेक भक्त के हाथों में ध्वज था। वे इस महोत्सव में भी अपनी सेवाएं देने तत्पर दिखे। किसी न किसी काम को करने के लिए तैयार रहते हैं और करते हैं। अपने गुरु के आदेशानुसार हर कामों में खरा उतरने का प्रयास करते दिखे। इतनी बड़ी इस रैली में प्रशासनिक व्यवस्था में सहयोग दिया और शांति पूर्वक रैली सम्पन्न कराने में प्रशासन का सहयोग देकर चल रहे थे। इस प्रकार राजधानी में अनुशासित रैली एवं सभा करने का प्रमाण दे गए। महिलाओं की कलश यात्रा में महिला एवं पुरुष दोनों व्यवस्था बनाकर चल रहे थे। शोभायात्रा का स्वागतकबीर महोत्सव के इस शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। जयस्तंभ चौक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने रैली में पधारे संत-महंतों एवं पंथश्री प्रकाशमुनि साहेब का स्वागत फूल बरसाकर किया। वहीं सिक्ख समाज एवं जैन समाज एवं अन्य गणमान्यों ने रैली का स्वागत किया।  फल, चाकलेट एवं पानी का वितरण किया गया। इधर इन्द्रदेव ने कबीर साहेब की इस रैली का वर्षा कर स्वागत किया। मंद-मंद पवन की पुरवाई में रैली निकली और मौसम सुहाना होते गया। फुहारें पड़ती रही लेकिन कबीरपंथी सद्भाव करते रहे। नगरवासियों को स्वच्छता का संदेशइस पांच दिवसीय महोत्सव के पूरे कार्यक्रम में सत्संग स्थल, भोजन भंडारा एवं रैली के दौरान विभिन्न मार्गों में हुए कूड़े-करकट को भक्तगण झाड़ू लगाकर सफाई करते हुए कचरे को इकट्ठे करके ले गए। शहर में भी इतनी बड़ी रैली के बाद कोई गंदगी दिखाई नहीं पड़ी। इस सफाई अभियान का नेतृत्व डेरहा राम साहू रायपुर एवं दिल्ली के पंकज सोनी एवं छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की टीम कर रहे थे। ये रायपुर की जनता को स्वच्छता का संदेश दे गए। आमिन माता महिला मंडल का विशेष योगदानकबीरपंथ के इस महोत्सव में आमिन माता महिला मंडल का विशेष योगदान है। उल्लेखनीय है कि दामाखेड़ा द्वारा प्रदेश में लगभग 400 आमिन माता महिला मंडल का गठन किया गया है। इस महोत्सव में महिला मंडल विशेष योगदान कर रही हैं। जैसे भोजन पकान, रोटी बनाना, पूड़ी बनाना, सब्जी की तैयारी एवं भोजन पारस तक की व्यवस्था एवं साफ-सफाई व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा एवं दूर-दराज से आए लोगों के ठहरने की व्यवस्था में विशेष योगदान दे रही हैं। देशभर में कहीं भी कार्यक्रम होता ये महिलाएं सेवा करने पहुंच जाती हैं।  ये महिलाएं गृहस्थ में रहकर भी सेवा प्रदान करने के लिए साहेब के कार्य में सेवाएं देने तत्पर रहती हैं। शोभायात्रा के लिए कलश का विशेष श्रृंगार किया गया है। जानकी साहू,बीना, इमला, रेखा, हुलसी, रूपकला, गोमती, सुशीला, सावित्री, अमिता, खेमसरी, तिमला, तालिका, सरोज शामिल हैं। ये महिलाएं बेमेतरा, कबीरधाम, भिलाई, कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, जोधपुर, ग्वालियर, अहमदाबाद, सूरज, राजकोट, दिल्ली, काटोला, जयपुर, नागपुर, बिलासपुर, मंडला, दार्जिलिंग, झांसी जैसे शहरों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। निरंतर भोजन भंडारादेश-विदेश से आए भक्तों के लिए 30 दिसंबर से लगातार अनवरत भंडारा चल रहा है। भोजन भंडारा के लिए 1 लाख स्टील थालियां एवं गिलास की व्यवस्था की गई है। इतने लोगों के बाद भी यहां गंदगी का नामोनिशान नहीं है। कार्यक्रम का आज समापनकबीर महोत्सव का पांचवां और समापन आज सुबह 9 बजे गुरु महिमा पाठ, 11 बजे विशेष सभा में मठाधीशों का सम्मान एवं 1 बजे से एकोत्तरी चौका आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ देर शाम तक कार्यक्रम का समापन होगा।

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