एमसीआई की टीम खामियों और अव्यवस्था से नाराजदूसरे दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की जांच, डॉक्टर भी गायब मिलेखंगाले सभी दस्तावेज, रिपोर्ट नकारात्मक होने की संभावनाबिलासपुर ! सिम्स के निरीक्षण के लिए दिल्ली से पहुंची एमसीआई की टीम ने दूसरे दिन सिम्स के अन्तर्गत संचालित सीपत, सरकंडा, यदुनंदन नगर सहित 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य केन्द्रों की खामियां, बदइंतजामी देख टीम ने सिम्स अधीक्षक व अन्य अफसरों को जमकर फटकार लगाई। जब स्वास्थ्य केन्द्रों में पहुंची तो वहां से डाक्टर भी नदारद मिले। शाम को टीम ने सिम्स अस्पताल और मेडिकल कालेज के दस्तावेजों की भी बारीकी से जांच की और रिपोर्ट तैयार करने जानकारियां जुटाई। कल टीम ने सिम्स अस्पताल व मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया था जहां अव्यवस्था खामियों को लेकर सिम्स प्रबंधन पर भारी नाराजगी जताई थी। बताया जा रहा है कि इस बार एमसीआई टीम के तेवर काफी तीखे रहे, आशंका यह जताई जा रही है कि यहां मेडिकल सीटें की और सिम्स की मान्यता पर इस बार खतरा मंडरा सकता है।दिल्ली से आई एमसीआई की टीम ने आज सीपत, यदुनंदन नगर के स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया जिसके बाद पूरा दिन टीम सिम्स में फाईलों को खंगालती रही आज भी टीम के तेवर तीखे दिखे। जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि सिम्स की मान्यता खतरे में पड़ सकती है। कल अचानक दिल्ली से पहुंची एमसीआई टीम के सिम्स अस्पताल और मेडिकल कालेज में निरीक्षण से पूरा दिन हड़कंप मचा रहा टीम के तेवर से डीन अस्पताल प्रबंधन भी सहमा नजर आया। आज टीम ने सिम्स के अधीन सीपत, यदुनंदन नगर सहित सरकंडा क्षेत्र सहित 3 रुलर हेल्थ सेंटरों का मुआयना किया, जहां ओपीडी के साथ-साथ दस बिस्तरों वाले अस्पताल में संचालित किया जा रहा है मगर निरीक्षण के लिये पहुंची टीम ने यहां डाक्टर नदारद मिले वहीं नर्स और स्टाफ मौजूद रहा। सिम्स अस्पताल एवं रुलर सेंटरों में फैली बदइंतजामी को देखकर टीम ने अधीक्षक डा. रमणेश मूर्ति को फटकार लगाई यहां से लौटकर टीम शाम 7 बजे तक अस्पताल और कालेज की फाईलें मंगाकर जानकारियां लेती रहीं।निरीक्षण करने पहुंची तीन सदस्यों वाली टीम के तेवर को देखकर अस्पताल कालेज प्रबंधन, अधिकारी सहमें नजर आए। बताया जाता है कि एमसीआई को अंधेरे में रखकर मान्यता हासिल करने का मामला सामने आ रहा है। इस बार शायद ही 150 सीटों की मान्यता मिल सकेगी। कालेज में पढ़ाई के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है लैब और प्रेक्टिकल रुम में पर्याप्त जगह नहीं है। प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को एक ही क्लास में बैठना पड़ता है। इन सारी कमियों की एक अलग रिपोर्ट टीम तैयार कर दिल्ली मुख्यालय को सौपेंगी।मुश्किल से बढ़ी थी सीटेंपिछले वर्ष दिल्ली में एमसीआई की सप्ताह भर तक बैठक चली थी जिसमें छत्तीसगढ़ में संचालित सात मेडिकल कालेजों की सीटें बढ़ाने और घटाने पर विचारविमर्श किया गया था, वहीं सबसे ज्यादा खतरा सिम्स को था मगर केन्द्र सरकार ने सीटें घटाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। जिसकी वजह से रायगढ़ मेडिकल कालेज और जगदलपुर के महारानी मेडिकल कालेज की 50 सीटों मान्यता मिल गई थी लेकिन अब आईएमसीआई की टीम रिपोर्ट के आधार पर सीटें घटाकर अंबिकापुर में नये मेडिकल कालेज को जरुरत के मुताबिक सीटें दे सकती है।इस बार तेवर तीखेसिम्स अस्पताल मेडिकल कालेज का निरीक्षण करने कई बार एमसीआई की टीमआयुष रायपुर मेडिकल कालेज और श्रम विभाग की टीमें यहां आ चुकी है। किन्तु हर बार सिम्स पर पर्दा डाल दिया जाता रहा पर इस बार पहुंची टीम दूसरे तरीके से रिपोर्ट तैयार कर रही है वहीं डीन एस के मोहंती अस्पताल अधीक्षक डा. रमणेश मूर्ति के अलावा अन्य जिम्मेदार अधिकारी टीम को खुश करने में लगी है। लेकिन इसका टीम पर असर होता नहीं दिख रहा है।टीम के सदस्य दिल्ली एमसीआई की टीम में कर्नाटक मेडिकल यूनिवर्सिटी से ए.एम.कोपर, कलकत्ता से डा. नीना दास और अलीगढ़ मेडिकल कालेज से डा. मीनाक्षी गुप्ता शामिल है जो देर शाम तक निरीक्षण कर रायपुर रवाना हो गई है।