• किराएदारों का सत्यापन कराएगी पुलिस

    नोएडा ! हाइटेक सिटी में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने एक बार फिर सत्यापन पर जोर दिया है। इस बार पुलिस किसी प्रकार को कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती जिसके चलते सत्यापन की जिम्मेदारी मकान मालिक को सौंपी हैं। गौरतलब है कि सत्यापन की मुहिम पहले भी नोएडा में चली थी लेकिन पुलिस के लापरवाह रवैये और मकान मालिकों की लापरवाही के चलते ये मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई थी। जिसके बाद एक बार फिर पुलिस ने अपराधों में लगाम लगाने के लिए सत्यापन पर जोर दिया है। और इसकी जिम्मेदारी मकान मालिकों के कंधों पर डाली है। ...

     नोएडा !   हाइटेक सिटी में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने एक बार फिर सत्यापन पर जोर दिया है। इस बार पुलिस किसी प्रकार को कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती जिसके चलते सत्यापन की जिम्मेदारी मकान मालिक को सौंपी हैं। गौरतलब है कि सत्यापन की मुहिम पहले भी नोएडा में चली थी लेकिन पुलिस के लापरवाह रवैये और मकान मालिकों की लापरवाही के चलते ये मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई थी। जिसके बाद एक बार फिर पुलिस ने अपराधों में लगाम लगाने के लिए सत्यापन पर जोर दिया है। और इसकी जिम्मेदारी मकान मालिकों के कंधों पर डाली है।  अब मकान मालिक किराएदारों को रखकर उनसे किराया वसूली तक ही नहीं सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अब उन्हें उनका सत्यापन का पूरा चिट्ठा पुलिस को सौंपना होगा।यदि  भविष्य में किराएदार कोई घटना करता है और उसका सत्यापन नहीं पाया गया, तो पुलिस विभाग किराएदार जितना दोषी माना जाएगी। उतना दोषी मकान मालिक  भी माना जाएगा। इस संबंध में पुलिस विभाग ने मकान मालिकों को किराएदारों को सत्यापन सम्बंधी फार्म देने शुरू कर दिए हैं। तथा आगामी 26 जनवरी तक सभी किराएदारों का सत्यापन होना सुनिश्चित किया गया है। वहीं पुलिस सेक्टर में रहने वाले किराएदारों का सत्यापन करा रही है। इसकी जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों को सौंपी गई। साथ ही सत्यापन की जांच के दो-दो पुलिस कर्मियों की टीम बनाई गई है। गौरतलब है कि नोएडा में गांव और सेक्टरों में  भारी संख्या में लोग किराए पर रहते हैं। सेक्टरों में रहने वाले लोगों का रिकार्ड तो पुलिस को आसानी से मिल जाता है, लेकिन गांव में किराए पर रहने वाले लोगों तक पुलिस आसानी से नहीं पहुंच पाती है। कभी-कभी कोई किराएदार किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता है। जिसकी तलाश करने में पुलिस की नाको चने पड़ जाते हैं। यहां तक कि कई लोगों को वारदात के बाद पुलिस आज तक नहीं  खोज पाई है। ऐसे में पुलिस ने शहर में रहने वाले सभी किराएदारों का वेरीफिकेशन कराने का निर्णय लिया है। यह निर्णय काफी पहले लिया जाता चुका है, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से आज तक सभी किराएदारों का सत्यापन पुलिस नहीं करा पाई, लेकिन अब पुलिस विभाग ने इस कार्य को युद्घ स्तर पर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुलिस विभाग ने हरेक सेक्टर एवं गांव के लिए दो-दो पुलिस पुलिसकर्मियों मिलाकर टीम का गठन किया है। ये टीम मकान मालिकों को सत्यापन फार्म सौंप रही है। सीओ सिटी प्रथम विजय ढुल ने बताया कि किराएदारों का सत्यापन युद्घ स्तर से चल रहा है। इसके लिए दो पुलिस कर्मियों की टीम का गठन किया गया है। मकान मालिक अपने-अपने किराएदारों से फार्म भराकर उन्हें पुलिस विभाग को सौंपेंगे। यदि गलत कोई मकान मालिक किराएदार से सत्यापन फार्म नहीं  ाराकर पुलिस को नहीं सौंपता है। ऐसे में बिना सत्यापन हुआ किराएदार किसी घटना को अंजाम देता है, तो मकान मालिक को  भी बराबर का दोषी माना जाएगा। मकान मालिक और किराएदार दोनों पर अपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी से पहले-पहले सभी किराएदारों का सत्यापन सुनिश्चित किया गया।

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