• पॉक्सो अधिनियम का पालन करें बाल कल्याण अधिकारी

    नोएडा ! सामाजिक संस्था चेतना व होप द्वारा गौतम बुद्ध नगर के एस.एस.पी. कार्यालय के मीटिंग हॉल, में पुलिसकर्मियों के लिए यौन शोषण से बाल संरक्षण अधिनियम पर एक पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि गौतम बुद्ध नगर की एस.पी. क्राइम सुनीता सिंह व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष वी.एस. गौतम थे। ...

    नोएडा !    सामाजिक संस्था चेतना व होप द्वारा गौतम बुद्ध नगर के एस.एस.पी. कार्यालय के मीटिंग हॉल, में पुलिसकर्मियों के लिए यौन शोषण से बाल संरक्षण अधिनियम पर एक पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि गौतम बुद्ध नगर की एस.पी. क्राइम सुनीता सिंह व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष वी.एस. गौतम थे।  इस कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आज की यह कार्यशाला सभी पुलिसकर्मियों को यौन शोषण से बाल संरक्षण अधिनियम(पॉस्को), 2012 में बताई गई धाराओं पर पुलिसकर्मियों को विस्तार से जानकारी प्रदान करने और इसका उपयोग वे यौन शोषणकर्ता के विरूद्ध कैसे कर सकते हैं, इस पर चर्चा करने हेतु आयोजित की गई है। कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुए पब्लिक प्रोसीक्यूटर ललित मुग्दल ने सभी प्रतिभागियों को विस्तार से पॉक्सो अधिनियम पर जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिनियम की विशेष बात यह है कि इस अधिनियम की एक धारा में अपराध का उल्लेख किया गया है तो दूसरी धारा में उसकी सजा के प्रावधानों की भी जानकारी दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शोषण के कितने प्रकार होते हैं, इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत शोषण को सात प्रकार की श्रेणियों में बांटा गया है। पहला प्रवेशन लैंगिक शोषण (धारा 3 और 4), दूसरा गुरूतर प्रवेशन लैंगिक शोषण (धारा 5 और 6), तीसरा यौन शोषण (धारा 7 और 8), चौथा गुरूतर यौन शोषण (धारा 9 और 10), पांचवा बाल यौन उत्पीडऩ (धारा 11 और 12), छठा बाल पोर्नोग्राफी उपयोग (धारा 13 और 14) और सातवां व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बाल पोर्नोग्राफी का संग्रहण (धारा 15)।  एसपी क्राइम सुनीता सिंह ने कहा कि संस्था द्वारा पॉक्सो अधिनियम पर आयोजित यह कार्यशाला सभी बाल कल्याण अधिकारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सभी बाल कल्याण अधिकारी इस अधिनियम में बताए गए कानूनों का पालन करें, जिससे बच्चों के साथ हो रहे शोषण को कम किया जा सके और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री वी.एस. गौतम  ने कहा कि बच्चों से संबंधित मामलों को हमें संवेदनशीलता से लेना चाहिए। कार्यशाला में उपस्थित सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी  उदय सिंह   ने पॉक्सो अधिनियम के तहत डॉक्टरों की भूमिका क्या होनी चाहिए और उन्हें कैसे अपनी जिम्मेदारी निभानी है, उस पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉक्टर अपने लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का ईमानदारी से पालन करें और इस प्रकार के मामलों में तुरंत कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

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