• इमाम ने की थी मानवता की रक्षा : रजी

    जौनपुर ! हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक शिया पंजतनी कमेटी के तत्वावधान में रविवार को 17वां ऑल इंडिया मजलिसे अजा व जुलूस का आयोजन हुआ। इसमें मंगलोर के मौलाना रजी हैदर ने बताया कि कर्बला के शहीद इमाम हुसैन की जीती-जागती हकीकत को सारी दुनिया जानती है कि अपनी शहादत देकर उन्होंने किस तरह मानवता की सेवा की थी। ...

    जौनपुर !   हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक शिया पंजतनी कमेटी के तत्वावधान में रविवार को 17वां ऑल इंडिया मजलिसे अजा व जुलूस का आयोजन हुआ। इसमें मंगलोर के मौलाना रजी हैदर ने बताया कि कर्बला के शहीद इमाम हुसैन की जीती-जागती हकीकत को सारी दुनिया जानती है कि अपनी शहादत देकर उन्होंने किस तरह मानवता की सेवा की थी।  जमीने मुबारक कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े में आयोजित मजलिसे अजा में मौलाना रजी हैदर ने कहा कि किसी भी कौम ने एक जगह इतनी बड़ी सामूहिक कुर्बानी नहीं दी, जिसमें 9 माह के बच्चे नन्हे अली असगर को भी इमाम हुसैन की आगोश में उस वक्त जालिमों ने शहीद कर दिया जब वे उसे दो बूंद पानी पिलाने की फरियाद लेकर जंग के मैदान में पहुंचे थे। इसके पहले मजलिस की शुरुआत मौलाना शेख हसन जाफर ने तिलावते कलाम-ए-पाक से किया। इसके बाद पेशखानी मशहूर शायर शोला जौनपुरी, शोहरत जौनपुरी, वसी जौनपुरी, हेजाब इमामपुरी, मेंहदी शिराजी, डॉ. अंजुम और हसन मोहम्मद फतेहपुरी ने अपना कलाम पेश कर कर्बला के शहीदों को नजराना-ए-अकीदत पेश किया। दूसरी व तीसरी मजलिस को मौलाना बाकर मेहंदी, नजर मोहम्मद जैनबी व इंतजार आब्दी ने कर्बला के शहीदों को याद करते हुए कहा कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है, क्योंकि इस्लाम ने हमेशा अपना खून बहाकर इसे परवान चढ़ाया है।आखिरी मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम मुबारक व जुलजनहा का जुलूस निकला गया जिसमें अंजुमन शमशीरे हैदरी नौहाखानी व मातम करती रहीं। मुहर्रम का जुलूस अपने पुराने रास्ते से होते हुए इमामबाड़ा कदम रसूल पहुंचकर खत्म हो गया। जुलूस में मौलाना सैयद नेसार मेहंदी, मौलाना अली हसनैन शान, मौलाना मनाजिर हसनैन खां, एजाज हुसैन, शमशीर हुसैन, सै. कायम रिजवी, कैफी रिजवी, मो. अब्बास, काजिम अब्बास, आरिफ हुसैनी, नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टंडन, फैसल हसन तबरेज, मो. आजम आदि शामिल हुए। मजलिस का संचालन डॉ. इंतजार मेहंदी व मौलाना शेख हसन जाफर ने संयुक्त रूप से किया।

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