• अन्ना ने रखी 3 शर्तें, सरकार के जवाब का इंतजार

    गांधीवादी अन्ना हजारे ने अनशन तोड़ने की संसद की अपील को ठुकराते हुए गुरुवार को सरकार के समक्ष तीन शर्तें रखी ...

    नई दिल्ली !   गांधीवादी अन्ना हजारे ने अनशन तोड़ने की संसद की अपील को ठुकराते हुए गुरुवार को सरकार के समक्ष तीन शर्तें रखी और कहा कि जन लोकपाल पर यदि संसद में चर्चा शुरू हो जाती है और तीनों मुद्दों पर सहमति बन जाती है

    तो वह अपना अनशन तोड़ने पर विचार करेंगे। अन्ना की इन शर्तों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने आवास पर आला मंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।

    जन लोकपाल सहित अरुणा राय के विधेयक और सरकारी विधेयक पर सदन में चर्चा कराने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पेशकश के जवाब में अन्ना हजारे ने कहा, ''संसद में जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा शुरू हो तो हम अपना अनशन तोड़ने पर विचार करेंगे। लेकिन हमारी तीन मुख्य मांगे हैं। राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, निचले स्तर के अधिकारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाना और नागरिक चार्टर बनाना। यह तीनों गरीबों के लिए हैं। इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जब तक सहमति नहीं बनती है तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।''

    अन्ना हजारे के कहा, ''इस मुद्दे पर विपक्षी दल मौन क्यों हैं। इन सबके दिल में है कि जन लोकपाल नहीं आना चाहिए, नहीं तो सत्ता हाथ से निकल जाएगी।''

    प्रधानमंत्री और पूरी संसद द्वारा अन्ना हजारे के स्वास्थ्य पर चिंता जताए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना हजारे ने कहा, ''इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। लेकिन मेरे स्वास्थ्य की चिंता आज उन्हें हुई। अन्ना के स्वास्थ्य की चिंता है उन्हें तो वह 10 दिनों से कहां थे। दरअसल, चिंता उन लोगों को है जो यहां आए हुए हैं। एयर कंडीशन में बैठने वालों को अन्ना के स्वास्थ्य की चिंता नहीं है।''

    इससे पहले, लोकसभा में भ्रष्टाचार के मसले पर हुई चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं अन्ना को सलाम करता हूं, निजी तौर उनका बहुत सम्मान करता हूं, उनका जीवन बहुमूल्य है और मैं उनसे अनशन खत्म करने की अपील करता हूं।''

    अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों और सरकार के साथ बातचीत में बुधवार को पैदा हुए गतिरोध को शांत करने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''सरकार जन लोकपाल सहित अरुणा राय के विधेयक और सरकारी विधेयक पर सदन में चर्चा कराने के लिए तैयार है।''

    इसके बाद केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीमंत्री विलासराव देशमुख रामलीला मैदान गए और अन्ना हजारे से मुलाकात की। उन्होंने उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की और सभी पार्टियों तथा संसद की ओर से भेजा गया पत्र भी उन्हें दिया।

    देशमुख ने अन्ना से हुई बातचीत के बाद उनकी ओर से रखी गई शर्तों के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ अपने आवास पर बैठक बुलाई।


    इससे पहले अनशन के 10वें दिन अन्ना हजारे ने पूरी तरह से स्वस्थ होने का संकेत देते हुए कहा कि उनकी तबीयत ठीक है और जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं होने तक उन्हें कुछ नहीं होगा।

    रामलीला मैदान में हजारों समर्थकों के समक्ष अपने स्वास्थ्य के बारे में आ रही चिंताजनक रिपोर्टों को खारिज करते हुए अन्ना ने कहा, ''मेरा वजन सिर्फ 6.5 किलोग्राम कम हुआ है। बाकी मेरी तबीयत ठीक है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं जन लोकपाल विधेयक पारित होने तक नहीं मरूंगा। मुझे आपसे काफी ऊर्जा मिल रही है।''

    इस बीच, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने प्रभावी लोकपाल को लेकर अन्ना हजारे के अनशन से उपजे गतिरोध पर चिंता जताई। एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, ''मैं निश्चित रूप से चिंतित हूं।'' वह केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के बाद संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

    कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अन्ना हजारे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली।

    संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में तिवारी ने कहा, ''राजनीतिक संवाद के दौरान कई बार ऐसी बातें कही जाती हैं, जिससे अनजाने में भावनाएं आहत हो जाती हैं, तकलीफ या पीड़ा होती है। मुझे मालूम है कि हाल की मेरी बातों ने अन्ना हजारे को पीड़ा पहुंचाई है। उनसे मैं कहना चाहूंगा कि मुझे इसका दु:ख और पश्चाताप है।''

    तिवारी ने कहा कि वह अन्ना के स्वास्थ्य को लेकर व्यक्तिगत तौर पर चिंतित हैं। उन्होंने अन्ना से अनशन तोड़ने की अपील करते हुए कहा, ''लोकतंत्र में बातचीत के लिए हमेशा अवसर होता है।''

    तिवारी ने 14 अगस्त को न्यायमूर्ति पी. बी. सावंत आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि अन्ना 'सिर से पांव' तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। उनके इस बयान की कांग्रेस में भी आलोचना हुई थी।

    अन्ना हजारे के समर्थन में लगातार दूसरे दिन प्रधानमंत्री आवास के बाहर दर्जनों लोगों ने प्रदर्शन किया। उनमें से 50 को हिरासत में ले लिया गया।

    दिल्ली पुलिस के आदेश पर प्रधानमंत्री आवास के नजदीक के चार मेट्रो स्टेशन को दोपहर तीन बजे से बंद कर दिया गया। ये स्टेशन हुडा सिटी सेंटर और जहांगीरपुरी के बीच उद्योग भवन, रेस कोर्स तथा जोर बाग हैं, जबकि केंद्रीय सचिवालय से बदरपुर रूट पर खान मार्केट मेट्रो स्टेशन को बंद किया गया है।

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