• 'पहले लोगों को बैंकों के लगाने पड़ते थे चक्कर'

    नोएडा ! पिछली सरकारों में किसी भी काम के लिए लोगों को बैंकों के धक्के खाने पड़ते थे। यहां तक कि बैंकों में कामकाज को लेकर लोगों को इतना संघर्ष करना पड़ता था कि वह सोचते थे कि वह आधे दिन की छुट्टी ही क्यों न ले ले, लेकिन अब उनको इस संघर्ष के चक्रव्यूह से नहीं गुजरना पड़े। इसके लिए उनकी सरकार ने पहल शुरू कर दी है। धीरे-धीरे उसका असर दे खाने को मिल रहा है। मंगलवार को एचआरडी मिनिस्टर स्मृति जुबिन ईरानी ने डीपीएस स्कूल के ऑडिटोरियम में पेंशन धारकों को स मानित करते हुए ये बात कहीं। इस मौके पर स्कूल के बच्चों ने भी नया सवेरा गीत गाकर अभिनंदन भी किया ।...

    नोएडा ! पिछली सरकारों में किसी भी काम के लिए लोगों को बैंकों के धक्के खाने पड़ते थे। यहां तक कि बैंकों में कामकाज को लेकर लोगों को इतना संघर्ष करना पड़ता था कि वह सोचते थे कि वह आधे दिन की छुट्टी ही क्यों न ले ले, लेकिन अब उनको इस संघर्ष के चक्रव्यूह से नहीं गुजरना पड़े। इसके लिए उनकी सरकार ने पहल शुरू कर दी है। धीरे-धीरे उसका असर दे खाने को मिल रहा है। मंगलवार को एचआरडी मिनिस्टर स्मृति जुबिन ईरानी ने डीपीएस स्कूल के ऑडिटोरियम में पेंशन धारकों को स मानित करते हुए ये बात कहीं। इस मौके पर स्कूल के बच्चों ने भी नया सवेरा गीत गाकर अभिनंदन भी किया । नोएडा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ईपीएफओ द्वारा आयोजित एक समारोह में न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए प्रति माह देने का ऐलान किया है। इसके तहत लगभग 32 लाख लोगों के बैंक खाते में यह रकम ट्रांसफर करने की पहल कर दी गई है। बुधवार तक यह राशि उन सभी पेंशनभोगियों के खाते में पहुंच जाएगी। सरकार ने यह महत्वाकांक्षी योजना अगस्त 2014 में शुरू की थी। स्मृति ईरानी ने अधिकारियों से कहा कि इस योजना के उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सूचना तो मिल ही रही है, लेकिन इसके लिए एक मोबाइल एप भी जारी किया जाए ताकि सभी को अपने पीएफ और पेंशन खातों के बारे में फौरन जानकारी मिल जाए। भारत सरकार के अतिरिक्त केंद्रीय प्रॉविडेंट फंड आयुक्त राजेश बंसल ने बताया कि पहली अक्टूबर 2014 से न्यूनतम पेंशन की राशि बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति माह कर दी गई है। इतना ही नहीं, बाल पेंशन की राशि अब 250 रुपए प्रति माह होगी, जबकि अनाथ पेंशन 750 रुपए प्रति माह मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए भारत सरकार ने 1250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई है। उन्होंने बताया कि इस समय देश में 49 लाख पेंशनर हैं और 32 लाख पेंशनर ऐसे हैं, जिन्हें अब न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह मिला करेंगे। पीएफ के लिए देश भर में लगेंगे कैंप मंत्री ने बताया कि देश में लाखों ऐसे लोग हैं जिन्हें अपने पीएफ अकाउंट का नंबर मालूम नहीं है या फिर इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। इसके लिए देशभर में कैंप लगाए जाएंगे। लोग को अपने इलाके के कैंप में जाकर पीएफ या पेंशन से संबंधित सूचना पाएंगे और उन्हें उनके पैसे दे दिए जाएंगे। स्मृति ईरानी ने बताया कि देश में लगभग 25,000 करोड़ रुपए की राशि ऐसे ही पड़ी हुई है। उन्हें उनके मालिकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ईपीएफओ की है। सराकर ने ईपीएफ, ईपीएस और ईडीएलआई के तहत योगदान को बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दिया है। पहले यह राशि 6,500 रुपए थी। इसका मतलब यह है कि अब इस श्रेणी के लोगों की पेंशन बढ़कर 3,250 रुपए से 7,500 रुपए हो जाएगी। इस सीलिंग के बढऩे से 50 लाख नए कर्मचारी सोशल सिक्योरिटी नेट में आ जाएंगे। ईपीएफ ने अपने सभी कामकाज ऑनलाइल कर दिए हैं, जिसका फायदा लाखों कर्मचारियों को मिल रहा है।

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