• हाईटेक सिटी में सुरक्षित नहीं लड़कियां,अब दिन में भी लगता है डर

    नोएडा ! भारतीय परंपरा के नवरात्रि बालिका पूजन के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती। हमारे शास्त्रों में बालिका पूजन को अत्याधिक अहमियत दी गई है। शास्त्रों के मुताबिक जिस जगह सभी कन्याओं की पूजा होती है वह भूमि परम पावन है। विशेष बात यह कि बालिका पूजन में कहीं जाति का कोई भेद नहीं रखा गया और सभी कन्याओं को समान रुप से पूज्य माना गया। ...

    नोएडा !   भारतीय परंपरा के नवरात्रि बालिका पूजन के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती। हमारे शास्त्रों में बालिका पूजन को अत्याधिक अहमियत दी गई है। शास्त्रों के मुताबिक जिस जगह सभी कन्याओं की पूजा होती है वह भूमि परम पावन है। विशेष बात यह कि बालिका पूजन में कहीं जाति का कोई भेद नहीं रखा गया और सभी कन्याओं को समान रुप से पूज्य माना गया। लेकिन वर्तमान में स्थिति इसके विपरित है। आज पूजी जाने वाली कन्याओं को किसी के घर भेजने में अभिवावक सोचने लगे हैं। खास तौर पर  छोटी बच्चियों को लेकर माताओं को खासा परेशानी होती है। असापास में कौन शख्स बच्चियों को किसी नजर से देख रहा है किसी को पता नहीं। तनु कहती है कि वे अपनी लडकी को कन्या पूजन के लिए भेजती तो हैं लेकिन आज एक डर सा बना रहात है। ये डर भले ही नौ दिन न रहता हो लेकिन नवरात्र के बाद इन्हीें कन्याओं पर समाज के असमाजिक तत्व बूरी नजर डालते हैं। नंदिता का कहना है कि कन्या तथा नारी का जहां हमारे समाज में शास्त्रों के साथ सर्वोपरि स्थान है वही मातृशक्ति कही जाने वाली कन्याएं बलात्कार एवं यौन शोषण की घिनौनी हरकतों की भी शिकार हैं। जनसाधारण की रक्षक कही जाने वाली पुलिस महिलाओं से बत्तमिजी करते नजर आती है।

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