• 'सपा खनन माफियाओं को दे रही संरक्षण'

    लखनऊ ! भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार खुले आम खनन माफियाओं को संरक्षण दे रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्रमोहन ने कि सरकारी संरक्षण में ये माफिया इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि इन्हें किसी का भी डर नहीं है। गत बुधवार को बांदा में खनन माफिया पर नकेल कसने गए खनन अधिकारी और उनकी टीम पर माफिया के समर्थकों ने जानलेवा हमला किया जिसमें एक दारोगा को गंभीर चोटे आई हैं। ...

    लखनऊ !   भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार खुले आम खनन माफियाओं को संरक्षण दे रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्रमोहन ने कि सरकारी संरक्षण में ये माफिया इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि इन्हें किसी का भी डर नहीं है। गत बुधवार को बांदा में खनन माफिया पर नकेल कसने गए खनन अधिकारी और उनकी टीम पर माफिया के समर्थकों ने जानलेवा हमला किया जिसमें एक दारोगा को गंभीर चोटे आई हैं। डा. चन्द्रमोहन ने कहा कि 24 जून को पीलीभीत में पूरनपुर के तहसीलदार अमरमणि पर माफियाओं ने ट्रैक्टर चढाकर जान से मारने की कोशिश की थी। डा. चन्द्रमोहन ने कहा कि बेखौफ खनन माफियाओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह जिले इटावा में स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी में भी घुसपैठ कर ली है। उन्होंने कहा कि चंबल नदी में किसी भी तरह के खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध अरसे से लगा हुआ है ताकि नदी में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के जलचरों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो पाने पाए. मगर माफियाओं द्वारा ऊटों के जरिए खनन का सिलसिला बेरोकटोक जारी है। उन्होंने कहा कि चंबल नदी में बसवारा गांव के किनारे करीब दौ सौ से अधिक उंट पूरे दिन बालू निकालते हैं। उन्होंने कहा कि अब खनन माफियाओं की नजरें प्रदेश के बन क्षेत्रों पर भी गड गई है। वन क्षेत्रों में अवैध खनन और खनन होने की जानकारी प्रदेश सरकार को भी है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रमुख वन संरक्षक 'पीसीसीएफÓ अनुसंधान एवं प्रशिक्षण ने अपनी हालिया रिपोर्ट में आगरा, चंबल., मथुरा, उरई, कानपुर, काशी और कैमूर वन प्रभाग में खनन और अवैध कटान की पुष्टि करते हुए जांच की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट पिछले दिनों कई बार अवैध खनन रोकने का आदेश दे चुका है लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि खनन माफियाओं को सरकारी संरक्षण मिलने के कारण ही जिलाधिकारी और एसएसपी अवैध खनन रोकने में नाकाबिल साबित हो रहे हैं।

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