• सड़क पर हादसों को दावत दे रहा आवारा पशुओं का झुंड

    नोएडा ! शहर में बढ़ रहे सड़क हादसों का एक कारण शहर में घूम रहे आवारा पशु भी हैं। दिन प्रतिदिन शहर में आवारा पशुओं की समस्या गहराती जा रही है। पशु दिन-रात सड़कों और रिहायशी इलाके में घूमते रहते हैं। ऐसे में हर वक्त बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। बावजूद इसके प्रशासन आवारा पशुओं को काबू करने में पूरी तरह बेबस नजर आ रही है। ...

    नोएडा की सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुनोएडा   शहर में बढ़ रहे सड़क हादसों का एक कारण शहर में घूम रहे आवारा पशु भी हैं। दिन प्रतिदिन शहर में आवारा पशुओं की समस्या गहराती जा रही है। पशु दिन-रात सड़कों और रिहायशी इलाके में घूमते रहते हैं। ऐसे में हर वक्त बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। बावजूद इसके प्रशासन आवारा पशुओं को काबू करने में पूरी तरह बेबस नजर आ रही है। इसके खिलाफ  उद्योगपतियों ने भी आवाज उठाई थी। सबसे ज्यादा परेशानी सेक्टरवासियों और राहगीरों को को उठानी पड़ रही है।  उद्योगपतियों व समाजसेवियों ने कई बार प्राधिकरण को पत्र लिखकर शिकायत भी की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।शहर की सुंदरता को भी खतरासबसे ज्यादा आवारा पशु नोएडा के सेक्टर-12, 11, 10, 9, 22 और चौडा गांव में देखे जा सकते हैं। इन आवारा पशुओं से ना केवल लोगों को अपितु शहर की सुंदरता को भी खतरा है। इन पशुओं से सेक्टरवासियों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। ये पशु सुबह ही सेक्टरों में घूमना शुरू कर देते हैं।निवासी भी हैं परेशान घर के बाहर लगे गमलों, पौधों एवं वाहनों को गिरा देते है। जहां तहां गोबर कर गंदगी फैलाना इनके लिए आम बात है। सड़कों पर घूमने वाले सांड सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उस वक्त होती है जब रास्ते में जाते वक्त अचानक दो सांड लड़ते हुए आपकी गाड़ी के सामने आ जाते हैं और देखते ही देखते सड़क पर जाम लग जाता है। लड़ते हुए सांड हैं घातक लड़ते हुए सांड किसी के लिए भी घातक साबित हो सकता है। जब दो सांड आपस में लड़ाई करने लग जाए तो आपके पास अपने जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना करने के सिवा कोई चारा नहीं बचता। बीते वर्ष में नोएडा के सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल के पास दो सांडों  की लड़ाई में एक राहगीर की मौत हो गई थी। सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशु आवारा नहीं है बल्कि सभी पालतु हैं। पशुओं के मालिक सुबह दूध लेने के बाद इन्हें चरने के लिए सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं। फिर इनका मालिक इन्हें खूद ढूंढ़ निकालता है। हालांकि शहर में दुधारू पशुओं की जरूरत सबको है मगर सांड को कोई पालना नहीं चाहता और यही वजह है कि सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।

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