कोण्डागांव ! प्रदेश में लगातार नक्सली संगठन टूट रहा है। सुरक्षा बलों के लगातार दबाव और नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर कोण्डागॉव, नारायणपुर एवं बीजापुर जिले में सक्रिय 5 हार्डकोर वारण्टी एवं ईनामी नक्सलियों ने 27 अगस्त को 188 वीं बटा. सी.आर.पी.एफ.मुख्यालय कोण्डागॉव में आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में बारदा दलम के चार सदस्य जिनमें मस्सू सलाम पिता कान्हा 28 साल गोंड निवासी ग्राम भोंगापाल जिला कोण्डागॉव जो रू.15 हजार का ईनामी नक्सली है, रैनू दुग्गा पिता बुधराम दुग्गा 35 साल, रस्सू मण्डावी पिता सैदू मण्डावी 25 साल, जगन्नाथ दुग्गा पिता मेहर दुग्गा 40 साल उक्त तीनों नक्सली वारण्टी और ग्राम झांकरी के निवासी थे, वहीं एक नक्सली भैरमगढ एवं कुतुल दलम का सदस्य मनिराम मण्डावी पिता सन्नूराम मण्डावी 34 साल निवासी ग्राम पल्लेवाया थाना भैरमगढ़ जिला बीजापुर शामिल रहे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि नक्सली कमाण्डर फूल सिंह, कमले, सरिता, प्रभाकर, मनिराम सहित आन्ध्र प्रदेश के पूर्व नक्सली कमाण्डर संतोष, पूर्व डिप्टी नक्सल कमाण्डर हरिराम आदि उन्हें बहला फुसलाकर अपने साथ ले गये एवं कुछ दिन अपने साथ रखने के उपरान्त कहा कि अब तुम अगर वापस अपने घर जाओगे तो हम तुम्हे पुलिस मुखबिर बताकर जान से मार देगें। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बताया कि उक्त तरह से डरा धमकाकर नक्सली संगठन में शामिल करने के बाद नक्सली संगठन के बडे नक्सलियों के द्वारा उन्हें पुलिस एवं सरकार को नुकसान पहुॅंचाने के लिए अंजाम दिये जाने वाले कई घटनाओं में शामिल किया गया। मस्सू सलाम वर्ष 2006 में एड़का में बारदा दलम के साथ 4 पुलिस वालों को मारने, वर्ष 2008 में बारदा नदी पर पावड़ा के पास आईईडी ब्लास्ट करने जिसमें 2 पुलिस कर्मी जख्मी हुए, वर्ष 2012 में बड़े डोंगर मेले में एसपीओ मुकेश को जान से मारने की नियत से किये गये हमले के साथ ही आईईडी लगाने, स्कूल एवं आश्रम भवनों की तोडफोड़ आदि नक्सली गतिविधि में शामिल रहा। जिसके कारण पुलिस विभाग द्वारा उस पर रू.15 हजार का ईनाम घोषित किया गया था, रैनू दुग्गा, रस्सू मण्डावी, जगन्नाथ दुग्गा वर्ष 2008 में बारदा नदी पर पावड़ा के पास आईईडी व्लास्ट करने, जिसमें 2 पुलिस कर्मी जख्मी हुए, बड़ेडोंगर में नक्सल कमाण्डर फूूलसिंह बारदा दलम के साथ मिलकर पंचायत, स्कूल एवं आश्रम भवनों (2009 में चिंगनार हाईस्कूल बेन्नूर, नारायणपुर) आदि में तोड़-फोड़ करने, आईईडी लगाने, 2009 के चुनाव में भोंगापाल में चुनाव कर्मचारियों को ले जाने वाली जीप को जलाने आदि गतिविधि में शामिल थे, जिन सभी की गिरफ्तारी हेतु वारण्ट जारी था। वहीं मनिराम मण्डावी वर्ष 2002 में इन्द्रावती एरिया के सरपंच बुद्धराम ग्राम मरकाबेड़ा थाना भैरमगढ़ जिला बीजापुर को पुलिस मुखबिरी की शक में मारने, 2003 में थाना वद्रे जिला बीजापुर व वर्ष 2005 में धौड़ाई थाने में नक्सलियों द्वारा किये गये हमले, आई.ई.डी. लगाने, स्कूल एवं आश्रम भवनों की तोडफोड़ में शामिल था। आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों ने बताया कि संगठन से जुडे रहने के बाबजूद वे माओवादियों की विचारधारा से त्रस्त थे, क्यों कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय नक्सलियों के साथ आंध्रप्रदेश के नक्सली दुव्र्यवहार करते हैं तथा यहां की महिलाओं एवं युवतियों का शारीरिक शोषण करते हैं तथा इस क्षेत्र से अवैध वसूली कर अपने व्यक्तिगत फायदों के लिए इस्तेमाल करते हैं। संगठन में छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को वरिष्ठ पद नहीं दिये जाते हैं तथा बडे पदों पर आंध्र प्रदेश के नक्सली नेता ही रहते हैं, उनके द्वारा सख्त आदेश दिया जाता है कि आंध्र प्रदेश में किसी प्रकार का तोडफोंड नहीं करना है और छत्तीसगढ़ में भेद-भाव पूर्ण तरीके से स्कूल भवन एवं सडकें नहीं बनाने देते हैं, जिससे क्षेत्र में विकास नहीं हो पाता। संगठन में रहते हुए अपने परिवार से भी मिलने नहीं दिया जाता है। इन सारी बातों का विरोध करने पर आंध्र प्रदेश के बड़े नक्सलियों द्वारा हमारे साथ गलत व्यवहार, मारपीट एवं शोषण किया जाता है। इससे तंग आकर हमने समाज की मुख्यधारा से जुडने के लिए सी.आर.पी.एफ.के पास उपस्थित होने का निर्णय लिया है और अब आम लोगों की तरह जीवन जीते हुए देश एवं समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं। उक्त दौरान एस.आर.पी. कल्लूरी पुलिस महानिरीक्षक बस्तर, के.के.सिन्हा पुलिस उप महानिरीक्षक जगदलपुर, हेलाल फिरोज कमाण्डेन्ट 188 वीं बटा., धनंजय देवांगन कलेक्टर कोण्डागॉव, अभिषेक मीणा पुलिस अधीक्षक कोण्डागॉव, बृजलाल द्धितीय कमान अधिकारी उप कमाण्डेन्ट, अमित कुमार सक्सेना उप कमाण्डेन्ट, जे.एस.राठौर उप कमाण्डेन्ट, कुलदीप सिंह सहायक कमाण्डेन्ट आदि सहित अन्य अधिकारी व जवान उपस्थित थे। अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सभी लाभ दिलाये जायेंगे तथा भविष्य में भी मुख्यधारा में शामिल होने वाले सभी नक्सलियों का स्वागत किया जायेगा और नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुडकर समाज के विकास में साथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बारदा, भैरमगढ एवं कुतुल दलम के इन 5 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से कोण्डागॉव, नारायणपुर एवं बीजापुर के नक्सली संगठन को गहरा धक्का पहुॅंचा है।