• शहर की सुंदरता को ग्रहण लगा रहा अतिक्रमण

    नोएडा ! हाईटेक सिटी के लोगों के सफर में रोडा बन रहा अतिक्रमण पूरे क्षेत्र में अपने पैर पसार रहा है। अतिक्रमण के कारण लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। गत वर्ष जिस फुटपाथ को बनाने में लाखों रुपये खर्च किए गए, उसका इस्तेमाल राहगीरों के बदले रेहड़ी वाले कर रहे हैं। सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ पर रेहड़ी लगाकर खाने-पीने का सामान बेचा जा रहा है। इस कारण यहां लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ...

    नोएडा !   हाईटेक सिटी के लोगों के सफर में रोडा बन रहा अतिक्रमण पूरे क्षेत्र में अपने पैर पसार रहा है। अतिक्रमण के कारण लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। गत वर्ष जिस फुटपाथ को बनाने में लाखों रुपये खर्च किए गए, उसका इस्तेमाल राहगीरों के बदले रेहड़ी वाले कर रहे हैं। सड़क के दोनों तरफ  फुटपाथ पर रेहड़ी लगाकर खाने-पीने का सामान बेचा जा रहा है। इस कारण यहां लोगों को काफी परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेहड़ी वालों की वजह से मार्ग पर अक्सर जाम लगा रहता है। हरौला सड़क दोनों ओर फुटपाथ पर दुकानें लगती हैं। इससे मार्ग संकरा हो गया है। एक ओर जहां स्थायी दुकानदारों ने अपने शेड सडकों पर बना लिए हैं वहीं दूसरी तरफ  ठेला खोंमचावालों की अस्थायी दुकानें अतिक्रमण का जंजाल फैला रही है। रही सही कसर टैम्पो और ठेला चालकों ने पूरी कर दी है  वहीं सेक्टर 9 मार्ग पर भी एक तरफ रेहड़ी वालों का कब्जा होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। सेक्टर 4 के पास भी कई रेहडिय़ा लगती हैं। वहीं संदीप पेपर मिल से हरोला की तरफ आने वाले मार्ग पर भी कई जगहों पर अवैध कब्जा है। इसके अलावा मार्कीट में जगह-जगह अवैध रूप से रेहड़ीवाले खड़ी हो जाते हैं जिससे मार्कीट में चलना मुश्किल हो जाता है।गौरतलब है कि शहर में कई वर्षों से अनेक मौकों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए गए, लेकिन इन सबका असर ज्यादा नहीं रहा। कभी पुलिस महकमे की ओर से पहल की गई तो कभी प्राधिकरण की ओर से। विशेष बात यह रही कि जिन अधिकारियों ने अतिक्रमण हटवाने को लेकर पहल की वह कुछ ही दिनों के बाद ही चुप हो गए। समस्या जस की तस है। इससे शहर का स्वरूप तो बिगड़ ही रहा है। वहीं बाजारों में भी यातायात व्यवस्था बाधित होती जा रही है।मैट्रो स्टेशन भी चपेट मेंसेक्टर 15 स्टेशन को भी अतिक्रमण ने घेरा हुआ है। स्टेशन के नीचे बसें रिक्शा और ऑटोवालों का जमावड़ा रहता है। इस स्टेशन की सीढिय़ों के आसपास तो रेहड़ी पटरी वालों ने भी कब्जा जमाया हुआ है। जो जगह रिक्शा और ऑटोवालों से बची हुई है, उस पर ठेलीवालों ने कब्जा जमाया हुआ है। तंग हो रही संकरी गलियांअतिक्रमण के चलते समूचे शहर में छोटे-बड़े बाजार संकरे हो रहे हैं। व्यापारी सामान व वाहनों को रखकर अतिक्रमण के नाम पर मनमानी कर रहे हैं।क्या कहना है लोगों कापीयूष मोहन का कहना है किशहर के सौंदर्यीकरण को लेकर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैंए लेकिन अतिक्रमण के सामने ऐसे सभी प्रयास बौने साबित हो रहे हैं। करोड़ों रुपयों से बनाई नई सड़कें भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई। दुकानें सड़कों तक पसर रही है और सड़कें सिकुड़ रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क पर हो रहे अतिक्रमण के कारण वाहनों का रोज जाम लगा रहता है। इससे सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे प्रभावित होते हैं। जाम के कारण अक्सर बच्चों को एक आध घंटे बीच बाजार में ही बीताना पड़ जाता है। अतिक्रमण से निबटने में स्थानीय प्रशासन कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। प्रशासन की नाक के नीच शहरी क्षेत्र में अस्थायी दुकानें सज रही हैं जिससे आम लोगों का सड़क पर निकलना भी मुश्किल हो गया है।

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