• रमन कैबिनेट का फैसला : नये सिरे से होगा पंचायतों का परिसीमन

    रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया। इस संशोधन के जरिए नवीन जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वर्तमान पंचायतों का परिसीमन होगा और उनमें सीटों का नये सिरे से आरक्षण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य में मानसून की बारिश, फसलों की स्थिति और अधिक वर्षा वाले जिलों में बाढ़ राहत के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग को अतिवृष्टि तथा बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए तत्परता से कदम उठाने के निर्देश दिए।...

    रायपुर !  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया। इस संशोधन के जरिए नवीन जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वर्तमान पंचायतों का परिसीमन होगा और उनमें सीटों का नये सिरे से आरक्षण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य में मानसून की बारिश, फसलों की स्थिति और अधिक वर्षा वाले जिलों में बाढ़ राहत के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग को अतिवृष्टि तथा बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए तत्परता से कदम उठाने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड 6-4 के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण कर जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए और प्रशासन के अधिकारी उन्हें हर संभव सहयोग करें। डॉ. सिंह ने अतिवृष्टि तथा बाढ़ पीडि़तों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बैठक में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस बार मानसून के दौरान विगत एक जून से कल 6 अगस्त तक सभी 27 जिलों में कुल 695.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह पिछले दस वर्षों की औसत वर्षा का 108.7 प्रतिशत है। जल संसाधन विभाग के 42 सिंचाई जलाशयों में कल 6 अगस्त की स्थिति में 94.23 प्रतिशत जल भराव हो चुका है। मानसून के दौरान प्रदेश में धान सहित विभिन्न खरीफ फसलों की बोनी तेजी से चल रही है। इस मौसम में अब तक धान की 75 प्रतिशत बोनी हो चुकी है। राज्य में इस वर्ष लगभग 36 लाख 41 हजार 760 हेक्टेयर में धान बोने का लक्ष्य है। इसमें से अब तक 27 लाख 39 हजार 720 हेक्टेयर में बोनी हो गई। इसी तरह मक्का, अरहर, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली  की बोनी पांच लाख 74 हजार हेक्टेयर में की गई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 84 प्रतिशत है। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि कल 6 अगस्त की स्थिति में प्रदेश के 18 जिलों में 100 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हो चुकी है, इनमें रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, महासमुन्द, धमतरी, बेमेतरा, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, कोरिया, कांकेर और कोण्डागांव शामिल हैं। इनके अलावा चार जिलों - दुर्ग, सरगुजा, नारायणपुर और सुकमा में 80 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक तथा चार जिलों- बलरामपुर-रामानुजगंज, बस्तर (जगदलपुर), दंतेवाड़ा और बीजापुर में 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक वर्षा हुई है और जशपुर जिले में 60 प्रतिशत से कम बारिश दर्ज की गई है।डॉ. रमन सिंह ने राज्य के कुछ जिलों में पिछले कुछ दिनों में हुई भारी वर्षा की वजह से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति और वहां प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत उपायों के बारे में भी राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली। मंत्रिपरिषद की बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अतिवर्षा से जनहानि के आठ और पशु हानि के 29 प्रकरण हुए हैं। पूर्ण रूप से 78 मकानों को और आंशिक रूप से तीन हजार 420 मकानों को क्षति पहुंची है। लगभग तीन हजार 862 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ प्रभावितों  ययशेष पृष्ठï 9 पर यके लिए संबंधित जिलों में 37 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें तीन हजार 826 लोगों को ठहराया गया है और उनके लिए भोजन आदि की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।

अपनी राय दें