• होर्डिंग से महिलाओं को करेेंगे जागरुक

    शहर में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ अब पुलिस बल हल्ला बोलेगा। नोएडा पुलिस महिलाओं को उनके अधिकारों व उनके लिए बनाए गए नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए तैयारी कर चुकी है।...

    नोएडा !   शहर में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ अब पुलिस बल हल्ला बोलेगा। नोएडा पुलिस महिलाओं को उनके अधिकारों व उनके लिए बनाए गए नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए तैयारी कर चुकी है। अब देर है तो बस होर्डिंग बनकर उन्हें चस्पाने की। एसपी अपराध भारती सिंह ने बताया कि सामाजिक तौर पर महिलाओं को त्यागए सहनशीलता व शर्मीलेपन का ताज पहनाया गया है। का यह निर्णय सराहनीय है।जिसके भार से दबी महिला कई बार जानकारी होते हुए भी इन कानूनों का उपयोग नहीं कर पातीं तो बहुत केसों में महिलाओं को पता ही नहीं होता कि उनके साथ हो रही घटनाएं हिंसा हैं और इससे बचाव के लिए कोई कानून भी है। आमतौर पर शारीरिक प्रताडऩा यानी मारपीटए जान से मारना आदि को ही हिंसा माना जाता है और इसके लिए रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाती है। उनकी हर प्रकार से मदद के लिए पुलिस बल तैनात है। जरूरत है तो बस उन्हें जागरूक करने की। महिलाओं को उनके साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बोलने व अपराधी को जेल की सलाखों के पीछे डालने के लिए नोएडा पुलिस जागरूकता अभियान चलाने जा रही है। नोएडा पुलिस की ओर से शहर भर में महिलाओं के अधिकारों व कानूनों के होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। जिससे महिलाओं से संबंधित सभी कानून व अधिकारों की जानकारी होगी। इसी के साथ पुलिस तक वे किसी प्रकार और कैसे पहुंच सकती है या उनसे कैसे संपर्क कर सकती है सभी प्रकार की जानकारी दी जाएगी। ऐसा करने से महिलाओं के अंदर जागरूकता आएगी और अपराध का ग्राफ भी कम होगा। होर्डिंगस लगाने का मकसद ये भी है कि जो महिलाओं को थाने व पुलिस के बीच आने में डरती हैं उन्हें भी अपराध की शिकायत करने का विकल्प पता लगेगा। भारती सिंह ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर शहर में होर्डिंग लगाने का काम कर दिया जाएगा। होर्डिंग में महिलाओं के अधिकारों का उल्लेख होगा। वहीं नोएडा पुलिस पूरी कोशिश करेगी की हर महिला को जागरूक कर सके और अपराधों में कमी ला सके।क्या कहते हैं लोगएकस्पोर्ट हाउस में काम करने वाली अल्पना का कहना है कि महिलाओं के अधिकार, उनके मान-सम्मान और सुरक्षा को लेकर ये कदम सराहनीय है। ऐसी घटनाएं और हरकतों को लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए जिन्हें आमतौर पर महिलाएं चुपचाप सहन कर लेती हैं। जबकि इनसे निबटने के लिए कानून और सहायता उपलब्ध हैं। यदि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकत किया जए तो महिलाएं उनकी मदद से शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक उत्पीडऩ से खुद को बचा सकती हैं। एचसीएल में काम रहे युवा अंशुल का कहना है कि शहर भले ही हाईटेक हो गया है लेकिन बलात्कार, दहेज जैसी घटनाओं की खबरों से आज भी शहर में महिलाओं की स्थिति पहले जैसी ही लगती है।  आज भीजेंडर असंतुलन और अपनी आवाज सुनाने के लिए महिलाओं का निरंतर संघर्ष सबसे स्पष्ट नजर आता है। महिलाओं को विषेश रूप से दोहरे भेदभाव का सामना करना पड़ता है एक उनकी सामाजिक स्थिति के लिए और दूसरा केवल महिला होने के नाते। सामान्य तौर पर महिलाओं की स्थिति अभी भी निराशाजनक है। ऐसे में जागरूकता फैलाने के लिए नोएडा पुलिस का यह कदम स्वागत योग्य है।

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