लखनऊ| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को कहा कि बदायूं में जिस तरह दुष्कर्म की घटना हुई है, वह राज्य सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। मायावती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए। राजधानी स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मायावती ने यह भी कहा कि उप्र में 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी हिस्सा नहीं लेगी। मायावती ने कहा, "पिछले चुनाव से यह जाहिर है कि चुनाव आयोग की दखलंदाजी न के बराबर है और जिसकी वजह से राज्य सरकार की ओर से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है। इसलिए इन चुनावों में अपनी ऊर्जा न खराब कर अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनावों में संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा।" बदायूं में गुरुवार को हुए दुष्कर्म मामले पर मायावती ने कहा कि इस घटना के बाद जनता में सरकार के खिलाफ काफी रोष है। सूबे की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। राज्यपाल को इस पूरे मामले को ध्यान में रखकर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश तत्काल राष्ट्रपति के पास भेज देनी चाहिए। मायावती ने कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर चारों ओर हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं और इसका ताजा उदाहरण बदायूं की घटना है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्मृति ईरानी की योग्यता से उनका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन शपथ-पत्र में दी गई झूठी जानकारियों के बाद मंत्री बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मायावती ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कहा था कि संसद में स्वच्छ छवि के लोग ही जाएंगे लेकिन एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 30 प्रतिशत दागी लोग संसद में पहुंचे हैं और इस पर उन्हें ध्यान देना चाहिए। अनुच्छेद 370 पर मायावती ने कहा कि यह जानबूझकर छोड़ा गया एक शिगूफा है। उल्लेखनीय है कि उप्र के बदायूं जिले में दो चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।