भीलवाड़ा ! राजस्थान के टेक्सटाइल मेनचेस्टर में इस बार कांग्रेस के बाहुबली प्रत्याशी विधायक अशोक चांदना (29) का मुख्य मुकाबला अपनी उम्र से दुगुने बड़े भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी सुभाष बहेडिया (58) से है। इनके अलावा आम आदमी पार्टी के सुनील आगीवाल तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गोविंद बैरवा के साथ सात अन्य निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखा है इसलिए संघ कार्यकर्ता प्राण-प्रण से भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए जुटे हुए हैं। इसके विपरीत कांग्रेस खेमे में जिले से बाहरी प्रत्याशी थोपे जाने से कार्यकर्ताओं में जोश का संचार अभी तक नहीं हो पाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजकुमार खन्ना का कहना है कि उनका प्रत्याशी हार भी जाये तो कोई फर्क नहीं पडेग़ावह हिण्डोली से कांग्रेस का विधायक हैं और यह बात वह स्वयं भी जानते है इसलिए वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रचार से दूर रखा गया है, पूरा प्रचार अभियान हिण्डोली और जयपुर से आए चंद नेताओं के हाथ में सिमटा हुआ है। कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहता है। दरअसल भीलवाडा में कांग्रेस गत पांच सालों में पूर्व केबिनेट मंत्री सीपी जोशी के चंद समर्थकों के हाथों में सिमट गई थी और वे सभी नेता जोशी के भीलवाड़ा से पलायन के बाद जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं जहां से जोशी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में बाहरी नेताओं के भरोसे चांदना का चुनाव प्रचार चल रहा है जो आम जनता को दिखाई नहीं दे रहा है। भाजपा ने इस चुनाव में चांदना के खिलाफ दर्ज चार मुकदमें और वर्तमान में फर्जी दस्तावेजों के जरिए हथियार रखने का लाइसेंस गंगानगर से लेने के मामले उनके जमानत पर होने का दुष्प्रचार कर रखा है। भाजपा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी कहते हैं, केंद्र में मंत्री रहने के बावजूद जोशी भीलवाड़ा में चम्बल का पानी तो नहीं ला पाए पर चम्बल के एक चिराग के अपनी वसीयत में भीलवाड़ा के नाम कर गए जो अब उनकी जगह वोट मांग रहा है। चांदना का कहना है कि उनके खिलाफ लगे सभी मुकदमे राजनीति से प्रेरित और झूठे हैं जिसमें दो मामलों में अंतिम रिपोर्ट अदालत में पेश की जा चुकी है और फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में आठ साल में सरकार ने अदालत में चालान पेश नहीं किया है जिसमें 800 अन्य लोग भी शामिल हैं। भाजपा ने गत विधानसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र के आठ में से छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज कर 1.82 लाख मतों के अंतर से बढ़त दर्ज कर रखी है और यही उसके आत्मविश्वास का बड़ा कारनामा भी माना जा रहा है। भाजपा प्रवक्ता विजय पोखरणा का कहना है कि प्रत्याशी की उज्वल छवि और ईमानदार होने का सीधा लाभ इस चुनाव में मिलता दिखाई दे रहा है। पूरी पार्टी बहेडिया के लिए एकजुट है और गत चुनाव में 1.35 लाख से हुई हार दुगुने से चुकाने के लिए कृत संकल्पित है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जीते भाजपा और कांग्रेस के दो-दो गुर्जर विधायकों को ध्यान में रख विधायक चांदना को ही भीलवाड़ा का प्रत्याशी घोषित कर दिया जिसको लेकर कांग्रेस में अभी भी कोतूहल का वातावरण है। इस सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट चुनाव लड़ना चहते थे पर जोशी ने चांदना को अपना उत्तराधिकारी चुना है और इसी कारण अभी तक कांग्रेस के किसी भी स्टार प्रचारक ने भीलवाड़ा में सभा नहीं की है। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष दुर्गेश शर्मा कहते है कि कांग्रेस का प्रचार चरम पर है हालांकि पार्टी ने उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी है पर प्रत्याशी अच्छा है इसलिए वोट तो मिलेंगे। नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी का मानना है कि पार्टी ने दो लाख गुर्जर मतों को ध्यान में रख चांदना को प्रत्याशी बनाया है पर चुनाव जीतने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। जिले में करीब चार लाख ब्रास्रण मतदाता है जो गत चुनाव में जोशी के साथ थे जो उनकी जीत का प्रमुख कारण था। ब्रास्रण मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करने के लिए बडे प्रयासों की जरुरत है। वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी जानी चाहिये ताकि चुनाव अभियान में गंभीरता नजर आए। कांग्रेस के ग्रामीण क्षेत्र कार्यकर्ता इस चुनाव में सहमे से नजर आते है हालांकि चांदना के इर्द गिर्द सुरक्षा कर्मी रहते है और यहीं एक कारण है की उनकी चुनावी सभाओं में जन सैलाब नजर नहीं आता जो भाजपा की नुक्कड सभाओं में भी जोश के साथ दिखाई देता है। बहेडिया अपने मतदाताों से भय और भ्रष्टाचार रहित सरकार और प्रशासन देने की बात प्रमुखता से कहते है साथ ही वे यह भी जोड़ना नहीं भूलते की 1996 में सांसद और 2003 में विधायक की भूमिका में उनके कार्यकाल में अच्छा प्रशासन देने का उन्होंने वादा निभाया था और आज भी वह यही वादा जनता से करते है।