लंदन ! भले ही भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा आज टेनिस जगत की जानी-मानी नाम है, लेकिन उनका पसंदीदा खेल क्रिकेट है। बकौल सानिया अगर वह लड़का होती तो निश्चित तौर पर वह क्रिकेट खेल रही होती। सानिया ने विम्बलडन टेनिस टूर्नामेंट के पहले राउंड में अना लिना गेरोनफेल्ड पर 6-2, 2-6, 6-2 की जीत के बाद कहा कि मैं हमेशा से कहती रही हूं कि अगर मैं लड़का होती तो क्रिकेट ही खेलती। उन्होंने कहा कि हमारे देश में क्रिकेट धर्म है। हर दूसरा व्यक्ति क्रिकेट खेलता है। इसके अलावा अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो वह भी क्रिकेट ही खेलेगा यह तय है। छह वर्ष की उम्र में ही टेनिस रैकेट पकड़ने वाली सानिया ने कहा कि अब तो मैं टेनिस खेलती हूं और मुझे इसी में मजा आता है। हां क्रिकेट मैच देखना जरूर पसंद करती हूं। 22 वर्षीया सानिया ने कहा कि पिछले वर्ष उन्हें हथेली की चोट के कारण काफी मुश्किल हुई। ऐसा लग रहा था कि वह कभी अब टेनिस नहीं खेल पाएगी। उन्होंने कहा कि चोट से पहले मैं शीर्ष 30 खिलाड़ियों में शामिल थी। मैं अब भी शीर्ष 100 में शामिल हूं और यह मेरे चार-पांच वर्ष के मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि देश में क्रिकेट की लोकप्रियता के सामने टेनिस को स्थापित करना मुश्किल था, लेकिन हमारे कुछ खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के कारण टेनिस भी काफी लोकप्रिय हुआ। मैंने लंबे समय बाद कुछ समय पहले कोर्ट में वापसी की है तथा मैं अभी भी अपने प्रदर्शन से इस खेल को अपने देश में और लोकप्रियता दिलाना चाहती हूं। सानिया ने कहा कि चोट के दौरान मैं ठीक से रैकेट तक नहीं पकड़ पाती थी। यहां तक कि खुद के हाथ से खाना तक नहीं खा पाती थी। मुझे तो यह भी पता नहीं था कि मैं फिर कभी टेनिस खेल पाऊंगी भी या नहीं। हालांकि मैंने चोट से उबरने के लिए काफी मेहनत की और आज फिर से कोर्ट में आपके सामने हूं।