यमुना के दो बिल्डर 255 करोड़ का नहीं दे पा रहे हिसाब
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कर रहा

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कर रहा है। ऑडिट में दो बिल्डर ऐसे है जो निवेशकों के 255 करोड़ रुपए का कोई हिसाब किताब नहीं पा रहे है। प्राधिकरण की तरफ से इसकी पूरी जानकारी सोमवार को मुख्यसचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में उपलब्ध कराई जाएगी।
बिल्डर अगर निवेशकों के पैसों को हिसाब नहीं दे पाते हैं तो उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कराया जा सकता है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तहत बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट चल रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण 28 में से 23 बिल्डरों के प्रोजेक्टों का ऑडिट करीब पूरा कर चुका है। कुछ बिल्डरों के प्रोजेक्ट का दोबारा ऑडिट हो रहा है। इसमें दो बिल्डर ऐसे है जिनका ऑडिट प्राधिकरण ने दोबारा किया है।
इन दौनों बिल्डरों ने फ्लैट व भूखंड बुकिंग के नाम पर करीब 255 करोड़ रुपए लिया है। ऑडिट के दौरान पता चला कि एक बिल्डर ने 1455 भूखंड के नाम पर निवेशकों से करीब 182 करोड़ रुपए लिया है। बिल्डर पर प्राधिकरण का करीब 279 करोड़ रुपए बकाया है। दूसरे बिल्डर ने 687 फ्लैट बुक किया और निवेशकों से करीब 173 करोड़ रुपए लिया। इस पर बिल्डर पर प्राधिकरण का करीब 380 करोड़ रुपए बकाया है।
ऑडिट के दौरान प्राधिकरण ने दोनों बिल्डरों से निवेशकों से लिया गया 255 करोड़ रुपए को कहां पर खर्च किया, इस बारे में बिल्डर ऑडिट के दौरान कोई हिसाब नहीं दे पाया। जबकि एक बिल्डर का मौके पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं हुआ है। प्राधिकरण अब इन बिल्डरों को नोटिस जारी कर निवेशकों से लिए गए पैसे का पूरा हिसाब देने को कहा है। प्राधिकरण की तरफ से इन बिल्डरों की सूची भी मुख्यसचिव को सौंपी जाएगी। बिल्डर अगर नोटिस जारी करने के बाद भी कोई हिसाब नहीं देते है तो उनके खिलाफ अंत में मामला भी दर्ज कराया जा
सकता है।


