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बिना जेनरेटर, पहली बार ग्रिड की बिजली से हुआ टी-20 मैच

दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारतीय खिलाड़िय़ों के साथ बिजली कर्मियों की भी परीक्षा थी और वह भी इस मैच के साथ विजयी हुए

बिना जेनरेटर, पहली बार ग्रिड की बिजली से हुआ टी-20 मैच
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नई दिल्ली (देशबन्धु)। दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारतीय खिलाड़िय़ों के साथ बिजली कर्मियों की भी परीक्षा थी और वह भी इस मैच के साथ विजयी हुए। दरअसल पहली बार, बिना किसी पावर-बैकअप के टी-20 क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। यह मैच पूरी तरह से ग्रिड की बिजली पर निर्भर था और यदि एक मिनट के लिए भी बिजली चली जाती तो दुनिया में बदनामी होती। लेकिन बिजली कंपनियों के इंजीनियर्स ने मैच में बिजली संबंधी व्यवधानों की तमाम आशंकाओं को परे कर टी-20 में बिजली आपूर्ति को बाधित नहीं होने दिया।

आमतौर पर क्रिकेट मैचों के दौरान जेनरेटर सेट्स बिजली देते हैं ताकि मैच के दौरान बिजली संबंधी कोई दिक्कत न आए। लेकिन, कोटला मैदान में ऐसा नहीं था क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंर्टेल अथॉरिटी यानी ईपीसीए ने 18 अक्टूबर को डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।

जानकारी के मुताबिक डीडीसीए के पास 1800 किलोवॉट बिजली का कनेक्शन था। उसने 28 अक्टूबर को और 3500 किलोवॉट व फिर 500 किलोवॉट बिजली के अस्थायी कनेक्शन के लिए संपर्क किया। मैच 1 नवम्बर को था व कुल 5800 किलोवॉट बिजली की जरूरत थी। अचानक 5800 किलोवाट की मांग के लिए नेटवर्क को तैयार करना दुरूह कार्य था। लेकिन, बीवाईपीएल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दिन-रात कार्य कर नेटवर्क का विस्तार किया व कई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए निर्बाध बिजली आपूर्ति की।

बीवाईपीएल ने अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर बिजली के लोड का सटीक डिस्ट्रिब्यूशन किया। साथ ही खराबी से पहले सूचना दे ऐसी तकनीक का उपयोग किया, ताकि मैच के दौरान बिजली की आपूर्ति में कोई व्यवधान आने से पहले ही उसका संकेत मिल जाए और तुरंत उसका समाधान हो सके।

चूंकि दुनियाभर की नजर इस मैच पर थी, इसलिए प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस के लिए बाहर से एक एक्सपर्ट एजेंसी की भी मदद ली गई। बीवाईपीएल के सीईओ पीआर कुमार बताते हैं कि मैचे में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पार्शियल डिस्चार्ज टेस्टिंग, 10 डेल्टा टेस्टिंग, थर्मल स्कैनिंग और डीसी लॉजिक टेस्ट जैसी तकनीक का प्रयोग कर स्थिर वॉल्टेज पर आपूर्ति की। क्योंकि, वॉल्टेज में कोई भी उतार-चढ़ाव मैच के प्रसारण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता था और प्रसारण बाधित हो सकता था।


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