किसका होगा जदयू, जल्द फैसला लेगा आयोग
गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद साथ ही जनता दल (यू) के असली-नकली की लड़ाई एक बार फिर से चुनाव आयोग पहुंच गई है

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद साथ ही जनता दल (यू) के असली-नकली की लड़ाई एक बार फिर से चुनाव आयोग पहुंच गई है। विधानसभा चुनावों से पहले फैसला लेने का दबाव बनाने के लिए आज शरद यादव गुट ने चुनाव आयोग का रुख किया और चुनावों को देखते हुए इस पर अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की।
जदयू में शरद गुट की ओर चुनाव आयोग पहुंचे अधिवक्ता पाशा ने देशबन्धु से बातचीत में कहा, 17 अक्टूबर को ही हमारी ओर से तीर चुनाव चिन्ह को लेकर आयोग के समक्ष दस्तावेज पेश कर दिए गए थे। पार्टी की राष्टï्रीय कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्य हमारे साथ है। गुजरात में पार्टी के 90 प्रतिशत कार्यकर्ता शरद यादव केे समर्थन में हैं ऐसे में चुनाव आयोग से मिलकर मांग की गई कि गुजरात के लिए अंतरिम रूप से आदेश जारी करते हुए शरद गुट को चुनाव चिन्ह तीर का आवंटन किया जाए, ताकि यदि दोनों गुट किसी सीट पर आमने-सामने आ जाएं तो चुनाव चिन्ह को लेकर कोई विवाद न हो। श्री पाशा ने बताया चुनाव आयोग ने उन्हें भरोसा दिया है कि इस मामले में अभी किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं हुआ है। दोनों ही गुुटों को सुनने के बाद चुनाव आयोग इस पर कोई फैसला करेगा। आयोग ने साफ किया है कि इसके लिए दोनों ही पक्षों के दावों का विश्लेषण करना होगा। अयोग जल्द ही सुनवाई कर फैसला दे देगा।
चुनाव चिन्ह पर अब तक नहीं हुआ है फैसला
श्री पाशा ने मीडिया में चल रही उन खबरों को भ्रामक व गलत करार दिया जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग ने शरद गुट के दावे को खारिज कर दिया है। श्री पाशा ने दावा किया, पहले आयोग को सौंपे गए पूर्ववर्ती दावों में पार्टी महासचिव के दस्तखत न होने पर आयोग ने आवेदन को हस्ताक्षर के लिए लौटा दिया था, और नए सिरे से आवेदन करने का अनुरोध किया था।। आयोग ने साफ कहा है कि जदयू पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
रास सदस्यता को लेकर 8 नवम्बर को पक्ष रखेंगे शरद
जदयू (शरद गुट) के वरिष्ठ नेता शरद यादव राज्यसभा की सदस्यता को लेकर जारी किए गए नोटिस पर आठ नवम्बर को सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे । राज्यसभा सचिवालय ने श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल यू की अर्जी पर श्री यादव को नोटिस जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 30 अक्टूबर को बुलाया था। लेकिन श्री यादव ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण कुछ समय मांगा। राज्यसभा सचिवालय की ओर से उन्हें आठ दिन का समय दिया गया है और कहा है कि उन्हें आगे समय नहीं दिया जाएगा। अब श्री यादव आठ नवम्बर को सभापति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। इस मौके पर शरद यादव ने कहा, आमतौर पर सदस्यता रद्द करने के इस तरह के मामले रास की स्टैंडिंग कमेटी के सामने रखे जाते हैं। लेकिन हमारे मामले में तय प्रक्रिया को न अपनाते हुए सीधे नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। अपने खिलाफ हो रही इस तरह की कार्यवाही से श्री यादव काफी खिन्न दिखे।


