आरटीओ में कहां पहुंची फाइल, मोबाइल पर मैसेज
बिलासपुर और धमतरी जिले को 'सारथी फोर योजना से जोड़े जाने के बाद अब लोगों को वाहन संबंधी सभी कार्यों की जानकारी लगातार एसएमएस के जरिए मिल रही है

बिलासपुर में भी 'सारथी- 4Ó योजना लागू, सप्ताह भर में लायसेंस, परमिट का हो रहा कार्य
बिलासपुर। बिलासपुर और धमतरी जिले को 'सारथी फोर योजना से जोड़े जाने के बाद अब लोगों को वाहन संबंधी सभी कार्यों की जानकारी लगातार एसएमएस के जरिए मिल रही है। योजना में फिलहाल दो दिनों को ही जोड़ा गया है। परिवहन विभाग के सभी कार्य अब आनलाइन हो जाने से लोगों को सप्ताह भर के भीतर परमिट, लायसेंस आदि मिल जा रहे हैं। इससे लोगों को विभाग के चक्कर काटने से मुक्ति मिली है वहीं दलालों से भी छुटकारा मिला है।
परिवहन विभाग ने सारथी फोर सुविधा से बिलासपुर और धमतरी को जोड़ा है। प्रदेश में अभी केवल बिलासपुर और धमतरी इस सुविधा से जोड़े गए हैं। योजना की विशेषता यह है कि केंद्रीय परिवहन विभाग से बिलासपुर परिवहन विभाग सीधा आनलाइन जुड़ा हुआ है। बिलासपुर के परिवहन का लायसेंस परमिट वाहनों के आरसी बुक केन्द्रीय परिवहन विभाग में आनलाइन दर्ज हो रहा है। आवेदनकर्ता को कार्य की जानकारी एसएमएस द्वारा तुरंत मिल रही है।
परिवहन विभाग शहर से दूर होने के कारण आम जनता के सुविधा के लिए विभाग में लोकसेवा केन्द्र के दो काउंटर खोले हैं जो आवेदनकर्ता शुल्क जमा करना चाहते हैं उनको पैसे जमा करने सुविधा दी गई है। आनलाइन काम होने से केंद्रीय परिवहन विभाग को एक एक कार्य की जानकारी मिल रही है। आनलाइन कार्य होने से आम जनता को बड़ी राहत मिल रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आवेदनकर्ता को अपने कार्य की जानकारी मोबाइल द्वारा मिल रही है। तीन दिवस मे लायसेंस परमिट और कार्य होने की जानकारी मोबाइल में मिल जाती है। जब आवेदनकर्ता को मोबाइल में कार्य होने की जानकारी मिल रही है तो वे विभाग जाकर दस्तावेज ले लेते हैं।
क्षेत्रीय परिवहन विभाग का कार्य केंद्रीय परिवहन विभाग से आनलाइन जुड़ाने से आम जनता का परिवहन एंबंधी कार्य एक सप्ताह के भीतर में हो जाता है। जब परिवहन विभाग का कार्य आनलाइन नहीं तो तो कार्य पूर्ण होने में महीनों लग जाते थे जिसके कारण आवेदनकर्ता को अपने काम कराने पैसे देने पड़ते थे। विभाग के कार्यवाही मैनुअल कार्य से अवैध वसूली करते थे। परिवहन विभाग में दलालों की भी मौज रहती थी। क्योंकि दलाल कर्मचारियेां को सेट कराकर कार्य कराते थे। लोग अपना कार्य सीधे विभाग में जाकर कराते थे तो उनका कार्य विभाग के कर्मचारी हो या अधिकारी महीनों लटकाकर रखते थे, जिसके कारण लोगों को दलालों की मदद लेनी पड़ती थी।
कई दलाल तो लोगों से पैसे वसूलकर हजम भी कर जाते थे। जब विभाग का हर कार्य आनलाइन हुआ तो विभाग के कार्य में गड़बड़ी होनी बंद हो गई। शासन ने परिवहन विभाग के कार्य को सबसे पहले आनलाइन करने का फैसला लिया था, क्योंकि चोरी के वाहनों के दस्तावेज भी बन जाते थे। अन्य प्रदेश से चोरी गए वाहनों का कारोबार इससे फलफूल करने वाला गिरोह करोड़ों का करोबार कर रहा था। लेकिन जब वाहनों के दस्तावेज आनलाइन बनने शुरू हुए तो इस पर लगाम लग गया।
विभाग का कार्य आनलाइन होने से दलालों की संख्या भी घट गई है। जबकि हर दिन विभाग में नए दलाल दिखते थे। मगर आनलाइन सिस्टम से लोगों का फायदा हुआ र्है। क्योंकि अब कार्य पूर्ण होने का समय भी हो चुका है। समय में कार्य पूरा होने से बड़ी राहत मिल रही है। बिलासपुर जिले को योजना से जोड़ने पर परिवहन विभाग कामकाज केंद्रीय परिवहन विभाग दिल्ली में देता है। विभाग में हर टेबल की जानकारी केन्द्रीय परिवहन को मिल जाती है।
कम्प्यूटर में बिलासपुर परिवहन विभाग का कामकाज को देखा जा सकता है। आवेदनकर्ता को भी टेबल टू टेबल जानकारी आवेदनकर्ता को एसएमएस द्वारा मिलती रहती है जब आवेदनकर्ता का कार्य विभाग में हो जाता है तो आवेदनकर्ता को विभाग से सूचना मिल जाती है। उसके बाद आवेदनकर्ता अपने वाहन संबंधी दस्तवेज लेने जाते हैं। परिवहन विभाग ने लोगों की सुविधा के लिए लोकसेवा केन्द्र भुगतान के लिए खोले हैं। परिवहन विभाग का कार्यालय शहर से दूर होने के कारण लोगों को इससे सुविधा मिल रही है।
विभाग का आनलाइन कार्य दोपहर तीन बजे तक हो जाता है। हर दिन अपडेट केन्द्रीय परिवहन विभाग को दिया जाता है। आवेदनकर्ता का तीन दिन के भीतर कार्य हो जाता है। परिवहन विभाग का कार्य आनलाइन होने से कार्य में भी तेजी आई है। लोगों को अब काफी राहत मिल रही है।


