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एमवाय अस्पताल में बोन-मेरो ट्रांसप्लांट की यूनिट शुरू

 मध्यप्रदेश में पहली बार इंदौर के एम.वाय शासकीय अस्पताल में बोन-मेरो ट्रांसप्लांट की यूनिट स्थापित की गई है। 

एमवाय अस्पताल में बोन-मेरो ट्रांसप्लांट की यूनिट शुरू
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इंदौर। मध्यप्रदेश में पहली बार इंदौर के एम.वाय शासकीय अस्पताल में बोन-मेरो ट्रांसप्लांट की यूनिट स्थापित की गई है।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यूनिट में ट्रांसप्लांट की शुरूआत थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों से की जा रही है। इसके बाद यह सुविधा सिकलसेल ऐनीमिया, ल्यूकेमिया से पीड़ित बच्चों को भी उपलब्ध करवाई जाएगी। ट्रांसप्लांट के लिये 12 साल से कम उम्र के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिये दिसम्बर-2017 में इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर में कैम्प आयोजित किये गये थे। अब तक प्रदेश के 150 थेलेसिमिया मरीजों का रजिस्ट्रेशन बोनमेरो ट्रांसप्लांट के लिये हुआ है।

थैलेसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसके अंतर्गत नवजात बच्चों में अनुवांशिक जीन की खराबी से हीमोग्लोबिन की कमी के कारण प्रति माह रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया काफी पीड़ादायक होती है। बोनमेरो ट्रांसप्लांट से बच्चों में प्रति माह खून चढ़ाने की आवश्यकता समाप्त जाएगी।

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर से संबद्ध एम.वाय. महाराजा चिकित्सालय में प्रदेश के प्रथम 6 बिस्तरीय बोनमेरो ट्रांसप्लांट सेंटर की स्थापना की गई है। परियोजना की कुल लागत 5 करोड़ रुपये है। कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूएसए) के सह-प्राध्यापक डॉ. प्रकाश सतवानी यूनिट की स्थापना के लिये आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।


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