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बांग्लादेश के रोहिंग्या शिविरों में यूनिसेफ ने भेजी सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने साबुन, डायपर, तौलिए और स्लीपर से लदे ट्रक बांग्लादेशी शरणार्थी शिविरों में रह रहे करीब 380,000 रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भेजे हैं

बांग्लादेश के रोहिंग्या शिविरों में यूनिसेफ ने भेजी सहायता
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कुटुपालोंग कैम्प (बांग्लादेश)। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने साबुन, डायपर, तौलिए और स्लीपर से लदे ट्रक बांग्लादेशी शरणार्थी शिविरों में रह रहे करीब 380,000 रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भेजे हैं।

यह जानकारी गुरुवार को दी गई। समाचार एजेंसी एफे न्यूज ने बताया कि यूनिसेफ का अनुमान है कि म्यांमार में हिंसा के चलते बांग्लादेश में 25 अगस्त से पहुंचे 379,000 रोहिंग्या मुसलमानों में से 60 फीसदी बच्चे और किशोर हैं, जिनमें से 23 फीसदी पांच साल से कम उम्र के हैं।

बांग्लादेश में यूनिसेफ के प्रतिनिधि एडुअर्ड बिगबेडर ने कहा, "इन बेहद कमजोर बच्चों की सुरक्षा के लिए हमारे पास महत्वपूर्ण कार्य हैं।"

मानवीय संकट की शुरुआत उस समय हुई, जब राखिने राज्य में 'अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी' (एआरएसए) द्वारा 25 अगस्त को पुलिस और सैन्य चौकियों पर हमले किए गए, जिसने म्यांमार सेना को हिंसक आक्रमण के लिए मजबूर किया।

इस बीच, मानवीय सहायता के प्रवेश की अनुमति के लिए पिछले हफ्ते एआरएसए के एक महीने के संघर्ष विराम के प्रस्ताव को म्यांमार सरकार ने अस्वीकार कर दिया।

संकट के उबरने से पहले बांग्लादेश में 300,000 से लेकर 500,000 के बीच रोहिंग्या मुसलमान कॉक्स बाजार जिले में रह रहे हैं, जिनमें से केवल 32,000 को ही शरणार्थी का दर्जा मिला हुआ है।


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