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फ्रांस में यौन सहमति की न्यूनतम आयु होगी 15 वर्ष

 फ्रांस में हाल ही में 11 साल की लड़कियों से जुड़े दो बहुचर्चित मामले सामने आने के बाद सरकार ने आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की न्यूनतम आयु 15 वर्ष करने की योजना बनाई है

फ्रांस में यौन सहमति की न्यूनतम आयु होगी 15 वर्ष
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पेरिस। फ्रांस में हाल ही में 11 साल की लड़कियों से जुड़े दो बहुचर्चित मामले सामने आने के बाद सरकार ने आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की न्यूनतम आयु 15 वर्ष करने की योजना बनाई है। यह जानकारी देश की समानता मंत्री मर्लिन शिअप्पा ने दी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, शिअप्पा ने कहा कि सरकार ने चिकित्सकों और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की न्यूनतम आयु 15 वर्ष करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 21 मार्च को मंत्रिमंडल के समक्ष एक नया कानून पेश किया जाएगा।

बीबीसी की खबर के अनुसार, वर्तमान कानून में 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ यौन संबंध बनाने पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा, लेकिन अभियोजन पक्ष को यह सिद्ध करना होगा कि यौन संबंध जबरदस्ती बनाए गए हैं।

मौजूदा कानून के अनुसार, अगर हिंसा और जबरदस्ती के साक्ष्य नहीं मिलते हैं तो बचाव पक्ष पर नाबालिग के साथ मात्र यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज होगा दुष्कर्म का भी नहीं। इस मामले में अधिकतम पांच साल जेल और 75,000 यूरो (87,000 डॉलर) के जुर्माना की सजा का प्रावधान है।

बालिग और नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में सजा समान है, लेकिन दुष्कर्म के मामले में ज्यादा कठोर दंड है।

सरकार कुछ सप्ताह में यौन उत्पीड़न और यौन हिंसा के नए नियमों के साथ-साथ सहमति से यौन संबंध बनाने की न्यूनतम आयु का कानून लागू करेगी।

ले फिगारो समाचारपत्र के अनुसार, एकता और स्वास्थ्य मंत्री एग्नेस बुजिन ने कहा कि सहमति से यौन संबंध बनाने की न्यूनतम आयु निर्धारित करने से सामूहिक जागरूकता फैलेगी, जिससे हर कोई इस पर भी विचार करेगा कि क्या वैध है और क्या अवैध।

पिछले साल नवंबर में एक 30 वर्षीय दुष्कर्म आरोपी को बरी कर दिया गया था क्योंकि अदालत ने 11 वर्षीय पीड़िता के साथ यौन संबंध के मामले में जबरदस्ती, अचानक, डराकर या हिंसा का कोई साक्ष्य नहीं मिला था।

एक अन्य मामले में अदालत ने शुरुआत में कहा था कि 28 वर्षीय युवक पर यौन हिंसा का आरोप लगना चाहिए ना कि दुष्कर्म का, क्योंकि पीड़िता को यौन संबंध बनाने के लिए शारीरिक तौर पर मजबूर नहीं किया गया था।

लेकिन पिछले महीने उसी अदालत ने अपना फैसला बदलते हुए कहा था कि आरोपी पर दुष्कर्म का मामला दर्ज होना चाहिए।


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